अनिल शर्मा।
लालढांग, संवाददाता। लालढांग चिल्लरखाल–सिगड़ी–कोटद्वार मोटरमार्ग निर्माण को लेकर कंडी रोड संघर्ष समिति ने गुरुवार को पूर्व सैनिक संगठन के बैनर तले आक्रोश रैली का आयोजन किया। रैली का नेतृत्व पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन नारायण सिंह रावत ने किया। रैली में क्षेत्र के पूर्व सैनिक, किसान, महिलाएं और छात्र मीठी बेरी तिराहे पर एकत्र हुए। वहां से उन्होंने नारीबाजी करते हुए लालढांग गांधी चौक तक मार्च किया। रैली में शामिल पूर्व सैनिकों ने सरकार से मांग की कि मोटरमार्ग निर्माण को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को यात्रा में होने वाली कठिनाइयों से राहत मिल सके।
इस अवसर पर सुबेदार गोपाल सिंह पुंडीर ने कहा कि लालढांग क्षेत्र में 200 से अधिक पूर्व सैनिक हैं। हमें महीने में तीन–चार बार कोटद्वार और लेंसीडोन जाना पड़ता है। गैडीखाता और नजीबाबाद होकर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन की काफी हानि होती है। पूर्व सैनिक संगठन के कोषाध्यक्ष ने कहा कि जिस एनजीओ ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, उसका इस क्षेत्र से कोई संबंध नहीं है। ये लोग वन और पर्यावरण के नाम पर सरकार और विदेशों से करोड़ों रुपए प्राप्त कर रहे हैं। जबकि वनों की रक्षा और आग से बचाना स्थानीय लोगों का प्राथमिक कर्तव्य है।

सुबेदार मेजर बीर सिंह बिष्ट ने कहा कि इस मोटरमार्ग को लेकर हमें लंबा संघर्ष करना पड़ा है और हम पीछे नहीं हटेंगे। यह लड़ाई अब सड़क से लेकर सदन तक लड़ी जाएगी। जल, जंगल, जमीन और सड़क पर उत्तराखंड वासियों का पहला अधिकार है।

आंदोलन में प्रमुख रूप से शामिल रहे: उपाध्यक्ष भारत सिंह नेगी, सुबेदार मेजर त्रिलोक सिंह नेगी, हवलदार ताजवर सिंह रावत, हवलदार नारायण दत्त उप्रेती, रसुलपुर मिट्ठी बेरी नायक भारत सिंह गुसाईं, नायक सुबेदार राजपाल सिंह नेगी, नायक सुबेदार ध्यान पाल सिंह रावत, हवलदार धनवीर सिंह नेगी, हवलदार जगदीश सिंह नेगी, भारत सिंह गुसाईं, फौजी गजेन्द्र सिंह नेगी, सुबेदार दिलवर नेगी, हरिश जोशी, गोदामबरी कुन्ती देवी, हेमा नेगी आदि।

