हरिद्वार, संवाददाता। शुक्रवार को कांवड़ मेले के बीच हरिद्वार में एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती सामने आ गई जब सीसीआर से ललतारो पुल के बीच रोड़ीबेलवाला में कांवड़ पटरी की सड़क अचानक धंस गई। शिवभक्तों की सुगम यात्रा के संकल्प को साकार करने के लिए मौके पर खुद हरिद्वार-ऋषिकेश विकास प्राधिकरण यानी एचआरडीए के उपाध्यक्ष एवं आईएएस अधिकारी अंशुल सिंह मौके पर दिनभर डटे रहे। उनकी निगरानी में सभी जल संस्थान और पीडब्ल्यूडी समेत सभी विभागों ने तालमेल के साथ काम किया। दिनभर की अथक मेहनत के बाद रात आठ बजे तक तक मार्ग को फिर से चालू कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार सड़क के नीचे से गुजर रही जल संस्थान की बहुत पुरानी मेन पेयजल लाइन डैमेज होने से यह दुर्घटना हुई। जिससे पूरा मार्ग बाधित हो गया था। यह मार्ग कांवड़ यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है और हजारों कांवड़िए इसी पटरी से हरकी पैड़ी की ओर बढ़ते हैं। आईएएस अंशुल सिंह शुक्रवार सुबह से ही मौके पर पहुंचे और लगातार हालात पर नजर बनाए रखी। उनके साथ एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग (PWD) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। अंशुल सिंह ने सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए पहले क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत कराई और फिर तेजी से सड़क निर्माण का काम शुरू कराया। शाम होते-होते सड़क पर नई परत बिछनी शुरू हो गई और रात तक यह मार्ग फिर से कांवड़ियों के लिए खोल दिया गया। इस कार्य की निगरानी हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने भी की।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के संकल्प को किया पूरा
गौरतलब है कि उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पहले कांवड़ियों के पैर धोए और कांवड़ यात्रा में बेहतर व्यवस्थाएं देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने अपने दौरे के दौरान कहा था कि “कांवड़ियों की यात्रा को सरल, सुगम और सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता है।” वहीं उनके इस संकल्प को धरातल पर उतारने में आईएएस अंशुल सिंह की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई मिसाल बन गई। स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने भी अंशुल सिंह की तत्परता की प्रशंसा की। कांवड़ियों की भीड़ के बीच सड़क का धंसना बड़ा खतरा बन सकता था, लेकिन दिन-रात की मेहनत और विभागीय समन्वय से यह संकट टल गया।

प्रशासनिक जिम्मेदारी और सेवा भावना का परिचय
आईएएस अंशुल सिंह न केवल कागजों पर योजनाएं बनाने तक सीमित हैं, बल्कि मौके पर जाकर खुद निगरानी करने और समय रहते समाधान निकालने में विश्वास रखते हैं। कांवड़ मेले जैसे विशाल आयोजन में उनकी सक्रिय भूमिका ने यह साबित कर दिया कि वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।

शिवभक्तों की सेवा को सर्वोपरि माना
इस मौके पर अंशुल सिंह ने कहा, “यह कार्य तभी संभव हो पाया जब सभी विभागों ने पूरी जिम्मेदारी से एक टीम के रूप में काम किया। हमारा उद्देश्य है कि शिवभक्तों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। हरिद्वार जैसे तीर्थ नगरी में जब देशभर से लाखों कांवड़िए पहुंचते हैं, तब एक छोटे से व्यवधान का असर बड़ा हो सकता है। लेकिन जिस कुशलता से आईएएस अंशुल सिंह और उनकी टीम ने यह चुनौती संभाली, उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रशासन पूरी मुस्तैदी से मेला प्रबंधन में जुटा है।