डेस्क – बांग्लादेश में तख्ता पलट हो गया और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया। मगर आज हम आपको उन तीन छात्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बांग्लादेश तख्ता पलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमे सबसे पहला नाम आता है छात्र नेता नाहिद इस्लाम का, दूसरा आसिफ मोहम्मद और अबू बकर मजूमदार। इन तीन नेताओं का नाम सबसे ज्यादा प्रचलित हो रहा है और कहा जा रहा है कि इन्ही तीनों ने बांग्लादेश के तख्ता पलट की इबारत लिखी और पूरी दुनिया में छा गए।

दरअसल शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले आंदोलन के लीडर नाहिद इस्लाम एक छात्र नेता हैं। नाहिद वर्तमान में ढाका विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही नाहिद को मानवाधिकार एक्टिविस्ट के तौर पर भी जाना जाता है। नाहिद इस्लाम छात्र संगठन स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के को- ऑडिनेटर भी हैं।आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद धीमा पड़ चुके आंदोलन नाहिद इस्लाम की एक अपील पर हिंसक हो गया और इस आंदोलन ने इस बड़ा रूप ले लिया। अंत में मजबूर होकर प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता छोड़नी पड़ी। इतना ही नहीं शेख हसीना को अपनी जान बचाने के लिए भी बांग्लादेश भी छोड़ना पड़ा।

हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद नाहिद इस्लाम ने अगले 24 घंटे में एक अंतरिम सरकार गठन करने की अपील की। मामला ये था कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर दिया गया हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। आरक्षण की सीमा सीमा कम कर दी। इसके बाद आरक्षण विरोधी प्रदर्शन धीरे- धीरे समाप्त हो रहा था। इस बीच डिटेक्टिव ब्रांच के अधिकारियों ने आरक्षण विरोधी प्रदर्शन को लीड करने वाले नाहिद इस्लाम समेत छह लोगों को हिरासत में ले लिया। उस वक्त नाहिद, उनके साथ आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार घायल थे और हॉस्पिटल में इलाज करा रहे थे।

नाहिद ने आरोप लगाया कि बीती 19 जुलाई को पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को अस्पताल से उठाया, पीटा और आंदोलन वापस लेने के लिए जबरदस्ती वीडियो बनवाया। नाहिद की इस बात को छात्रों ने गंबीरता से लिया और आंदोलन को एक बड़ा रूप दे दिया। धीरे धीरे हजारों छात्र आंदोलन के साथ जुड़ते चले गए और अंत में उन्होंने पीएम आवास पर कब्जा जमा लिया। बंगलादेश की सेना भी छात्रों को नहीं रोक पाई।

लिहाजा अंत में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को बैक फुट पर आना पड़ा और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया इतना ही नहीं शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है ऐसा भी माना जा रहा है। गौरतलब है कि सत्ता पलट के बाद बांग्लादेश में अभी भी हालत सामान्य नहीं हुए हैं वहां नए प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। बहरहाल कुछ भी हो इस आंदोलन के बाद तीन बड़े नेता चर्चा में आए और पूरी दुनिया में उनकी बात हो रही है।