हरिद्वार, 30 मार्च। हिंदू नव वर्ष एवं चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में हरकी पैड़ी से भव्य कलश यात्रा निकाली गयी बडी संख्या में महिलाओं एवं मां के भक्तों ने हिस्सा लिया। श्री बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस के अवसर पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद् देवी भागवत महात्म्य की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि पांडवो के वंश में उत्पन्न राजा परीक्षित जिन्होंने शमिक मुनि का अपमान किया।
शमिक मुनि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को श्राप दिया था। जिसने मेरे पिता का अपमान किया उसकी मृत्यु तक्षक नाम अक्षर के द्वारा होगी, समय आने पर तक्षक सर्प द्वारा राजा परीक्षित की मृत्यु हुई। यह जानकर राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय को बड़ा ही दुःख हुआ अपने पिता के मोक्ष के लिए चिंतित जन्मेजय को देख कर कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास महाराज जिन्होंने वेदों पुराणों एवं शास्त्रों की रचना की ऐसे वेदव्यास महाराज ने स्वयं जन्मेजय को श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण करायां। कथा के प्रभाव से जन्मेजय के पिता राजा परीक्षित मोक्ष को प्राप्त हो गए। श्रीमद् देवी भागवत द्वारा राजा परीक्षित का मोक्ष देखते हुए ऋषि-मुनियों एवं भक्तों ने भी आगे चल कर अपने एवं अपने पितरों के उद्धार के लिए देवी भागवत का आयोजन करना प्रारंभ किया। शास्त्री ने बताया देवी भागवत महापुराण में मां भगवती के ही चरित्रों का वर्णन मिलता है।
मुख्य संयोजक श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बताया सनातन के प्रचार प्रसार के लिए सभी को अपने शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह कथा कीर्तन सत्संगो का आयोजन करते रहना चाहिए। युवा पीढी में अच्छे संस्कार उत्पन्न होते है। मां की कृपा से भक्तों के समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
इस दौरान बिल्वकेश्वर महादेव व्यवस्थापक सतीश वन महाराज, लहू वन महाराज,रोहित शर्मा, सुमेश चावल, मनोज ठाकुर,संजय शर्मा, कुलदीप शर्मा, सत्यम शर्मा, जलज कौशिक, विष्णु गौड़, यशपाल शर्मा, भरत शर्मा विवेक मिश्रा, उमेश कुमार, कृष्ण शर्मा बृजमोहन शर्मा, सुनील प्रजापति, चमन गिरी, सुषमा शर्मा, पूजा वशिष्ठ, संगीता शर्मा, शालू कौशिक किरण चौधरी, बबीता शर्मा आदि ने पूजन में भाग लिया।