हरिद्वार। रानीपुर विधानसभा से भाजपा विधायक आदेश चौहान को सीबीआई कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में मारपीट मामले में दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है। यह फैसला भाजपा विधायक के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वर्ष 2009 में आरोप था कि विधायक आदेश चौहान ने अपनी भतीजी दीपिका के कहने पर उसके पति मनीष के साथ पुलिस हिरासत में मारपीट कराई थी। यह घटना दहेज उत्पीड़न से जुड़े एक पुराने मामले की पृष्ठभूमि में सामने आई थी।
मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। CBI कोर्ट ने विधायक आदेश चौहान के साथ-साथ उनकी भतीजी दीपिका, दो पुलिसकर्मियों दिनेश और राजेंद्र को भी दोषी करार दिया है। एक आरोपी पुलिसकर्मी की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट ने सभी के खिलाफ प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर यह फैसला सुनाया। मारपीट की यह घटना उस समय हुई थी जब मनीष पुलिस कस्टडी में था और आरोप है कि विधायक के प्रभाव में उसे बेरहमी से पीटा गया।
CBI कोर्ट के इस फैसले से हरिद्वार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो फिलहाल विधायक आदेश चौहान को मिली सजा के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
मामले में तीन पुलिस के कर्मचारी भी मौजूद हैं। जिसमें एक पुलिस कर्मचारी की पहले ही मौत हो चुकी है। पुलिस के दो जवान दिनेश और राजेंद्र को भी हुई सजा सुनाई है। पीड़ित मनीष की शिकायत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौपी थी। दहेज उत्पीड़न के मामले में विधायक के कहने से मारपीट हुई थी। मनीष विधायक की भतीजी दीपिका का पति है।
हाल ही में हुई थी ठगी
हाल ही में विधायक आदेश चौहान के खिलाफ ठगी करने की कोशिश की गई थी। ठग ने विधायक को धमकी देते हुए पांच लाख रुपये की भी मांग कर डाली थी। विधायक की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक चौहान के जनसंपर्क अधिकारी रोमिश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी कि विधायक के फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ठग ने खुद को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बेटा जय शाह बताया था। ठग ने दावा किया था कि गृह मंत्री जय शाह और बीजेपी के कई बड़े नेताओं से उसके अच्छे संपर्क हैं और विधायक को धमकी देते हुए पांच लाख रुपये की मांग की थी।