हरिद्वार। सोमवार को जिला पंचायत कार्यालय सभागार में आयोजित हरिद्वार जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में विकास योजनाओं को लेकर कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह उर्फ चौधरी किरन सिंह ने की। इस मौके पर जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह , मुख्य विकास अधिकारी आकांशा कोंडे, विधायक अनुपमा रावत, विधायक फुरकान, सभी पंचायत सदस्य और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास पर रहा। अध्यक्ष ने बताया कि पिछली बैठक में लगभग 85 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया था और इस बार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 85.27 करोड़ रुपये का संशोधित बजट पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण, तालाबों की सफाई और संरक्षण तथा जल आपूर्ति योजनाओं पर काम किया जाएगा।

तालाबों की सफाई पर विशेष फोकस
जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि आने वाले एक वर्ष के भीतर सभी तालाबों की सफाई कराई जाएगी और उनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों का संरक्षण न केवल जल संकट को दूर करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।
एचआरडीए की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बैठक के दौरान पंचायत सदस्यों ने हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। सदस्यों ने आरोप लगाया कि एचआरडीए ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शा पास करने का शुल्क तो वसूल करता है लेकिन क्षेत्रीय विकास के लिए कोई कार्य नहीं करता। उन्होंने मांग की कि एचआरडीए को ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुनियादी विकास कार्य करने चाहिए ताकि ग्रामीण जनता को लाभ मिल सके।

‘हर घर जल योजना’ में भ्रष्टाचार के आरोप
बैठक में ‘हर घर नल से जल’ योजना को लेकर भी कई पंचायत सदस्यों ने नाराजगी जताई। उन्होंने योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। सदस्यों ने कहा कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने के बाद भी लोगों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने संबंधित विभागों से पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की।

बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले समय में पंचायत क्षेत्र में नए बुनियादी ढांचे जैसे सड़कों, स्कूल भवनों, सामुदायिक केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायतें विकास की रीढ़ होती हैं और इन्हें मजबूत किए बिना समग्र विकास संभव नहीं है।
अन्य प्रमुख निर्णय
बैठक में स्वच्छता अभियान को और मजबूती देने, ग्रामीण सड़कों के मरम्मत कार्य, श्मशान घाटों के आधुनिकीकरण और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाओं को लागू करने के प्रस्ताव भी पारित किए गए।

जिलाधिकारी और सीडीओ की सक्रिय भागीदारी
बैठक के दौरान जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने भी विभिन्न योजनाओं पर फीडबैक लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि पारित प्रस्तावों को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने सभी विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करने की हिदायत दी।