उत्तराखंड। उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। पहाड़ से मैदान तक तेज बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने राज्य के नौ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए चेताया है कि आगामी 24 से 48 घंटे बेहद संवेदनशील हैं। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में भूस्खलन, जलभराव और नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने की पूरी संभावना जताई गई है।
अन्य जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि रात के समय भी सतर्कता जरूरी है, खासतौर पर नदियों और नालों के किनारे बसे इलाकों में। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा से परहेज करें।
हरिद्वार: खतरे के निशान पर गंगा, घाट खाली कराए गए
शुक्रवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश का असर गंगा पर साफ दिखा। गंगा का जलस्तर 292.90 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर के बेहद करीब है। एहतियात के तौर पर गंगा घाटों को खाली करा दिया गया है और आसपास के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं और हरिद्वार से लेकर यूपी तक प्रशासन अलर्ट मोड पर है। गंगा के जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है।
ऋषिकेश: घाट और तट जलमग्न
ऋषिकेश में शनिवार रात से जारी तेज बारिश के कारण गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। रविवार को गंगा का जलस्तर 338.97 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से कुछ ही नीचे है। इसका सीधा असर घाटों पर पड़ा है। त्रिवेणी घाट समेत कई तटीय इलाके जलमग्न हो गए हैं। नगर निगम और आपदा प्रबंधन की टीमें अलर्ट पर हैं और लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की जा रही है।
प्रशासन की तैयारियां
SDRF और NDRF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात की जा रही हैं। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम सक्रिय, पल-पल की रिपोर्टिंग की जा रही है। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत। आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्गों की पहचान और सफाई का काम तेज। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह। बारिश के चलते आज तीस जून को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।