हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद जमकर हंगामा खड़ा हो गया। मृतक के परिजनों और सहयोगियों ने रानीपुर मोड़ स्थित डॉक्टर के घर में चल रहे निजी अस्पताल पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
जानकारी के अनुसार, सिडकुल स्थित हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के कर्मचारी 38 वर्षीय श्रीचंद शर्मा का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर संतोष विरमानी ने कम खर्च का झांसा देकर उन्हें मरीज को अपने निजी अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा। वहां हाथ में चोट का ऑपरेशन होना था, लेकिन शुक्रवार देर रात श्रीचंद शर्मा की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मौत एनेस्थीसिया की ओवरडोज से हुई। मौत के बाद भड़के परिजनों और फैक्ट्री कर्मचारियों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को संभालते हुए अस्पताल को सील कर दिया।Hindustan unilever
“भागचंद शर्मा, मृतक के भाई ने बताया कि डॉक्टर ने सिटी हॉस्पिटल में 80 हजार खर्च बताया था, जबकि अपने सुश्रुत हॉस्पिटल में वही ऑपरेशन 50 हजार रुपये में करने का झांसा दिया।”
“सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार का कहना है कि मृतक के परिजनों के आरोपों की जांच की जा रही है। अस्पताल को सील कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई नियमों के अनुसार की जाएगी।”

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को किया सीज
मृतक के परिजनों के हंगामे के बाद मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। जांच के दौरान अस्पताल में कई अनियमितताएं पाई गईं। टीम ने तत्काल प्रभाव से अस्पताल को सील कर दिया। पहले भी विवादों में रह चुका है यह अस्पताल। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अस्पताल पहले भी विवादों में रह चुका है। कई बार यहां इलाज में लापरवाही और शुल्क को लेकर मरीजों के परिजन आपत्ति जता चुके हैं। Hindustan unilever

सीसीटीवी की डीवीआर गायब मिली
प्रशासनिक जांच में सामने आया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर गायब है। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना की सच्चाई छिपाने की कोशिश हो सकती है। डीवीआर बरामद करने के लिए जांच तेज कर दी गई है।

देर रात तक नहीं माने परिजन और फैक्ट्री कर्मचारी
मृतक के परिजन और हिंदुस्तान यूनिलीवर फैक्ट्री के कर्मचारी देर रात तक अस्पताल के बाहर डटे रहे। उनकी मांग थी कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो और मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा मिले। साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का पूरा खर्च उठाने की भी मांग की गई। भाई भागचंद शर्मा ने बताया कि तीन महीने पहले एक्सीडेंट में श्रीचंद के हाथ में सिटी हॉस्पिटल में स्टील की रॉड डाली गई थी। अब उसी रॉड को निकलवाने के लिए डॉक्टर सुमंत विरमानी ने सिटी हॉस्पिटल में 80 हजार रुपये खर्च बताया, लेकिन अपने सुश्रुत हॉस्पिटल में 50 हजार रुपये में काम करने का झांसा देकर भर्ती कर लिया। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लगातार लापरवाही की गई, जिससे श्रीचंद की मौत हो गई। Hindustan unilever

