उत्तराखंड: हरिद्वार में पुलिस ने बड़े बाइक चोर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों बाइक चोर अपने गिरोह के साथ मिलकर हरिद्वार के कई इलाकों से मोटरसाइकिले चोरी कर यूपी के रास्ते नेपाल में बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 मोटरसाइकिलें भी बरामद की है। दोनों आरोपी यूपी के रामपुर और गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं। रानीपुर कोतवाली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि लंबे समय से हरिद्वार के कई इलाकों में वाहन चोरी की घटनाएं सामने आने पर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। रानीपुर कोतवाली और सीआईयू ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है।
नेपाल सीमा पर छिपाकर रखी है 02 बुलेट बाइक
लगातार एक के बाद एक दोपहिया वाहनों की चोरी होने की जानकारी मिलने पर एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कड़ी नाराजगी दिखाते हुए इस सिलसिले पर लगाम लगाने एवं इन वारदातों को अंजाम दे रहे आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए टीम गठित करते हुए सीआईयू हरिद्वार को टैक्निकल सपोर्ट एवं फैक्टर लीड देने के निर्देश दिए। सफलता हासिल करते हुए पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को दबोच लिया और चोरी की दस बाइक बरामद की। सभी बाइक आरोपियों ने हरिद्वार के अलग अलग इलाको से चुराई थी। बाइक चोरी के लिए आरोपी मास्टर की का इस्तेमाल करते थे। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि दोनों बाइक चोर आरोपियों ने भारत नेपाल सीमा पर दो चोरी की बुलेट बाइक भी छिपाई हैं। बाइक बरामदगी के लिए टीमों को रवाना कर दिया गया है। गिरोह में अन्य कई सदस्य शामिल होने की जानकारी मिली है, जल्द ही अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
नेपाल में लगाते हैं बाईकों का बाजार
दोनों संदिग्ध से की गई पूछताछ में पुलिस के सामने आया कि आरोपी मास्टर की की मदद से अलग-अलग जगहों से दोपहिया वाहन चोरी करते थे और चोरी की गाड़ियो को डिमांड आने पर इन्हें मुरादाबाद के रास्ते खटीमा होते हुये जंगल के रास्तो से नेपाल लेजा कर मंहगे दामों में बेचते थे। चैकिंग के दौरान बरामद दोनों पल्सर मोटरसाइकिलों को भी नेपाल ले जाया जा रहा था। कुल मिलाकर अभी दस बाइक बरामद की गई हैं। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को नेपाल में भारत की अपेक्षा चोरी की बाइक के अच्छे दाम मिलते हैं। साथ ही भारत में बाइक चोर पकड़े न जाएं इसका भी इन्हें डर था। भारत से नेपाल सड़क के रास्ते बाइक जाती थी और वहां पर बाईकों का बाजार भी लगाते थे। महंगी बोली मिलने पर आरोपी चोर बाइक को बेचते और रुपयों को आपस में बांट लेते थे।
