हरिद्वार, 01 नवंबर। दिवाली जैसे बड़े त्यौहार पर अधिकारी हो या आम नागरिक, हर कोई व्यस्त रहता है। लेकिन डीएम कर्मेंद्र सिंह ने व्यस्ततम समय में से समय निकालकर निराश्रित बच्चों के साथ दिवाली मनाने का संकल्प लिया। डीएम कर्मेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सबसे पहले हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित बाल सुधार गृह पहुंचे। इसके बाद जगजीतपुर स्थित मातृ आंचल अनाथालय में छात्राओं के साथ दिवाली मनाई।
डीएम कर्मेंद्र सिंह ने अनाथालय तक दिवाली की रोशनी पहुंचाने का प्रयास किया और उनका यह प्रयास सफल भी हुआ। क्योंकि डीएम को दिवाली जैसे मौके पर अपने बीच पाकर बच्चों की खुशी और भी ज्यादा बढ़ गई। डीएम कर्मेंद्र सिंह ने बच्चियों को फल और मिठाईयां देकर उन्हें शुभकामनाएं भी दी। साथ ही बच्चियों(छात्राओं) ने स्वयं के द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीपक और कई कलाकृतियां डीएम और उनकी पत्नी को उपहार स्वरूप भेंट किए।
“दिवाली पर बच्चों को अपनी खुशी में शामिल किया और उनकी खुशियों में शामिल होने का प्रयास किया है ….. कर्मेंद्र सिंह, डीएम हरिद्वार”
बच्चियों ने पूछा कि सर डीएम बनने के लिए क्या करना चाहिए …. डीएम कर्मेंद्र सिंह ने अनाथालय में केवल औपचारिक नहीं निभाई बल्कि वहां काफी समय भी बिताया। बच्चियों के साथ समय बिताया और शिक्षा पर उनसे सवाल जवाब भी किए। एक बच्ची ने खड़े होकर पूछा कि सर डीएम बनने के लिए क्या करना चाहिए। डीएम ने बताया कि सबसे पहले मन लगाकर पढ़ाई करना जरूरी है। देश दुनिया में क्या हो रहा है उसे न सिर्फ पढ़ना चाहिए बल्कि उन्हें लिखकर संजोकर रखना चाहिए। इसके लिए अखबार पढ़ना बेहद जरूरी है। किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करनी चाहिए और उसके बाद कड़ी मेहनत और एकाग्रता से पढ़ाई करके कोई भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
वही मातृ आंचल की प्रबंधिका ममता अग्रवाल, ट्रस्टी केएल लक्ष्मण,विपिन ओर बाल सुधार गृह के अधीक्षक प्रशांत कुमार शर्मा और शिक्षको ने डीएम का स्वागत किया और दिवाली की शुभकामनाएं दी। इस दौरान एसडीएम अजयवीर सिंह,सीओ सिटी जूही मनराल, डीपीओ अविनाश भदौरिया भी मौजूद रहे।