हरिद्वार, 13 मई। उत्तराखण्ड सरकार के “सरलीकरण, समाधान, निस्तारण तथा संतुष्टि” के सुशासन मंत्र को जमीन पर उतारने की दिशा में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) द्वारा निरंतर कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में षष्ठम सुशासन कैंप का आयोजन मंगलवार को बहादराबाद ब्लॉक और प्राधिकरण मुख्यालय हरिद्वार में किया गया जिसमें आवासीय और व्यवसायिक भवनों के कुल 65 मानचित्र आवेदन प्राप्त हुए।
उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के अनुसार मंगलवार को आयोजित कैंप में 28 लम्बित और 37 नए आवेदन शामिल थे। इनमें 57 आवासीय और 8 व्यवसायिक मानचित्र आवेदन प्राप्त हुए। गहन तकनीकी परीक्षण और दस्तावेजों की जांच के बाद कुल 39 मानचित्रों को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनमें 31 आवासीय और 8 व्यवसायिक मानचित्र शामिल हैं।

अब तक कुल 446 आवेदन प्राप्त
HRDA के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 से अब तक आयोजित छह सुशासन कैंपों में कुल 446 भवन मानचित्र आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें 386 आवासीय और 60 व्यवसायिक श्रेणी के मानचित्र आवेदन शामिल हैं। इनमें से 371 मानचित्रों को स्वीकृति दी जा चुकी है — 313 आवासीय और 58 व्यवसायिक।
736.62 लाख रुपये की आय
मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया से अब तक प्राधिकरण को 736.62 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जो शासन की नीति के प्रभावी क्रियान्वयन और लोगों की भागीदारी का स्पष्ट प्रमाण है।
उपाध्यक्ष अंशुल ने किया निरीक्षण, नागरिकों से की सीधी बातचीत
अंशुल सिंह ने कैंप स्थलों का निरीक्षण कर समस्त व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। उन्होंने कैंप में आए नागरिकों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित समाधान हेतु अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उपाध्यक्ष ने कैंप की सफल आयोजन प्रक्रिया पर संतोष जताया और प्राधिकरण टीम की सराहना की।
अगले कैंप की तिथियां घोषित
HRDA ने आगामी कैंपों की तिथियों की घोषणा भी कर दी है। 15, 19 और 21 मई 2025 को मुख्यालय हरिद्वार में अगले सुशासन कैंप आयोजित किए जाएंगे। जिन नागरिकों को एकल आवासीय भवन या 75 वर्ग मीटर तक के व्यवसायिक भवन के मानचित्र स्वीकृत कराने हैं, वे संबंधित दस्तावेजों के साथ इन कैंपों में उपस्थित होकर आवेदन कर सकते हैं।
“यह सुशासन कैंप न केवल आम नागरिकों के लिए सुविधाजनक प्रणाली स्थापित कर रहा है, बल्कि शासन और जनता के बीच भरोसे की नई मिसाल भी पेश कर रहा है। ……….. अंशुल सिंह, उपाध्यक्ष, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण”