हरिद्वार, 15 मई – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने गुरुवार को हरिद्वार जनपद के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर आम जनता को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया।
निरीक्षण की शुरुआत चैन राय जिला महिला चिकित्सालय से हुई, जहां निदेशक ने ओपीडी, विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू), कोल्ड चेन कक्ष, पैथोलॉजी, इमरजेंसी वार्ड, प्रसवोपरांत कक्ष और अल्ट्रासाउंड कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं समय से उपलब्ध कराई जाएं और जच्चा-बच्चा की देखभाल में कोई लापरवाही न हो। साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी काउंसलरों के माध्यम से दी जाए।उन्होंने ओपीडी में महिलाओं के बैठने की समुचित व्यवस्था करने और अस्पताल परिसर में स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश भी दिए।

जांच समय में विस्तार और पारदर्शिता के निर्देश
निरीक्षण के दौरान निदेशक ने पैथोलॉजी लैब में की जाने वाली जांचों की सूची प्रदर्शित करने के निर्देश दिए, जिससे आमजन को उपलब्ध जांच सेवाओं की स्पष्ट जानकारी मिल सके। साथ ही, उन्होंने जांच का समय दोपहर 1 बजे तक बढ़ाने को कहा, जिससे अधिक मरीजों को सुविधा मिल सके।

क्षय रोग अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा
इसके बाद निदेशक ने जिला क्षय रोग चिकित्सालय का निरीक्षण किया और वहां टीबी मरीजों के इलाज, दवा वितरण, स्टॉक और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि दवाओं का स्टॉक खत्म होने से पहले ही मांग भेज दी जाए ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बहादराबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मातृत्व व शिशु कल्याण केंद्र आत्मलपुर बौंगला का भी निरीक्षण किया गया। यहां निदेशक ने ओपीडी रजिस्टर, दवा वितरण रजिस्टर और आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत कर महिलाओं को दी जा रही सेवाओं की जानकारी प्राप्त की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में समीक्षा बैठक
निरीक्षण के बाद रोशनाबाद स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें उन्होंने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित योजनाओं को जमीन पर उतारना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है, जिससे आमजन को इनका सीधा लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए और अधिक से अधिक महिलाओं को राजकीय चिकित्सालयों में संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा यदि किसी गर्भवती महिला की तबीयत खराब होने की सूचना दी जाती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निदेशक ने निर्देश दिए कि जहां स्टाफ नर्सों की कमी है, वहां तुरंत भर्ती की जाए। उन्होंने आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के अंतर्गत बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने और जरूरत होने पर समय रहते इलाज कराने की बात भी कही।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में मरीजों के उपचार और सुविधाओं से संबंधित रजिस्टर संधारित किए जाएं, जिससे आंकड़े एकत्र करने में किसी तरह की परेशानी न हो।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर.के. सिंह ने निदेशक का स्वागत करते हुए आश्वस्त किया कि निरीक्षण के दौरान दिए गए सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने एनएचएम के तहत चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दी।बैठक में एसीएमओ अनिल वर्मा, पीएमएस विजयेश भारद्वाज, सीएमएस राजेश गुप्ता, संदीप निगम, उमा रावत, नितिन अरोड़ा, आर.बी. सिंह, यशपाल तोमर, शादाब सिद्दीकी, आरती बहल, अनिल सती सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।