हरिद्वार, संवाददाता। मोतीचूर रायवाला के बीच ट्रेन से कटकर हुई हाथी के बच्चे की मौत पर सस्पेंस बरकरार है। मौत के कारण तो स्पष्ट हो गए लेकिन लापरवाही किसकी थी, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं लग पा रही है। बहरहाल राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने हाथी शिशु मौत की जांच शुरू हो गई है। हाथी के बच्चे की मौत कैसे हुई, दून एक्सप्रेस ट्रेन का स्पीड लोग इसका राज बताएगा। राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से रेलवे को पत्र लिखकर स्पीड लॉग मांगा गया है। गौरतलब हो कि बीती 01 दिसंबर को सुबह करीब साढ़े छह बजे मोतीचूर रायवाला बीच खड़खड़ी बीट में हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। इस दौरान हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर हाथी के बच्चे की मौत से हड़कंप मच गया था।
इस मामले में पार्क प्रशासन की ओर से ट्रेन के लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। हाथी के बच्चे की मौत के बाद दर्ज किए गए मुकदमे की जांच शुरू हो गई है। राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन अजय लिंगवाल ने बताया कि रेलवे के मुरादाबाद मंडल प्रबंधक को पत्र लिखा गया और पत्र के माध्यम से स्पीड लॉग और अन्य जानकारियां मांगी गई हैं। स्पीड लोग से पता चल जाएगा कि हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड निर्धारित गति सीमा से ज्यादा थी या कम थी। जांच में तय गति सीमा से ज्यादा गति की बात सामने आएगी तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
रेलवे ट्रैक पर बढ़ाई गई गश्त
अजय लिंगवाल ने बताया कि हाथी के बच्चे की मौत के बाद रेलवे ट्रैक पर गश्त बढ़ा दी गई है। रेलवे प्रशासन, एनएचएआई और वन विभाग समेत सभी विभागों के साथ समन्वय बनाया जा रहा है, ताकि आगे से वन्यजीवों की मौत न हो। राजाजी टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की टीम 24 घंटे गश्त कर रही है। रेलवे ट्रैक पर हर चार किलोमीटर की दूरी पर एक टीम तैनात है, जो लगातार हाथियों के साथ ही अन्य वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर बनाए रखे हुए है।

रात और दिन के समय निर्धारित है तीन की गति सीमा
राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच में ही रेलवे ट्रैक है। पूर्व में भी कई बार ट्रेन से कटकर वन्यजीवो की मौत हो चुकी है। इस बार एक हाथी के बच्चे की मौत के बाद पार्क प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि पूर्व से ही राजाजी के हिस्से में ट्रेनों की गति सीमा निर्धारित की गई है। ट्रेनों के लिए रात को दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक 35 किलोमीटर प्रति घंटा और दिन में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति सीमा निर्धारित की गई है। फिलहाल पार्क प्रशासन द्वारा स्पीड लॉग के लिए रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिख दिया गया है। अधिकारी स्पीड लॉग मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

