देहरादून, संवाददाता। राजधानी देहरादून में एक महिला पर रॉटविलर नस्ल के दो खतरनाक कुत्तों द्वारा हमला किए जाने से हड़कंप मच गया। यह वारदात रविवार सुबह तब हुई जब किशनपुर निवासी कौशल्या देवी मंदिर जा रही थीं। घायल अवस्था में उन्हें श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पीड़िता के बेटे उमंग निर्वाल की ओर से मोहम्मद जैद के खिलाफ राजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शुरुआती जांच में यह मामला जैद से जुड़ा प्रतीत हो रहा था, लेकिन सोमवार को पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि जिस मकान में ये कुत्ते रखे गए थे, वह जैद का नहीं, बल्कि नफीस अहमद का है।
नफीस ने ही रॉटविलर नस्ल के ये दोनों कुत्ते तीन साल पहले जैद से खरीदे थे। इस संबंध में उनके बीच हुए कुत्तों के सौदे से जुड़े दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
फॉर्म हाउस मालिक है नफीस, नहीं है लाइसेंस
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नफीस का सहसपुर क्षेत्र में एक फॉर्म हाउस है और वह किशनपुर में रहकर प्रॉपर्टी कारोबार करता है। नफीस के पास नगर निगम से पालतू जानवर पालने का कोई वैध लाइसेंस नहीं है, जिससे अब उसके खिलाफ पशु क्रूरता और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े मामलों में कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने सोमवार को नफीस को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
लोगों से की गई अपील
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि कुत्तों के हमले जैसी घटनाओं की सूचना नागरिक डायल 112 पर दे सकते हैं। इसके अलावा नगर निगम को भी सूचना दी जा सकती है। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ पालतू जानवरों को लापरवाही से रखने या खुला छोड़ने की शिकायत मिलने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 291 (बिना लगाम के पशु या कुत्तों को घुमाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
नगर निगम की जिम्मेदारी भी तय होगी
इस घटना ने नगर निगम की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रॉटविलर जैसे खतरनाक कुत्तों को पालने के लिए विशेष लाइसेंस और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होता है, लेकिन नफीस के पास ऐसा कोई लाइसेंस नहीं था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि निगम की ओर से इलाके में पालतू जानवरों के निरीक्षण और लाइसेंसिंग की प्रक्रिया कितनी कारगर है।