देहरादून। उत्तराखंड में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां रिश्वत लेते पकड़े जाने पर एक पटवारी ने घबराकर नोट ही निगल लिए। मामला तब सामने आया जब एक शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान यानी विजिलेंसके टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई कि उसके चचेरे भाइयों ने निवास प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार जब उसने इस बारे में पटवारी गुलशन हैदर से संपर्क किया, तो दो हजार रुपये में मामला तय हुआ। पटवारी ने फोटो आइडी और रुपये लेकर सोमवार को तहसील कार्यालय आने को कहा। लेकिन इसी बीच शिकायतकर्ता ने विजिलेंस विभाग को सूचित कर दिया।
सूचना मिलने के बाद देहरादून विजिलेंस टीम ने पूरी योजना के साथ पटवारी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत की रकम हाथ में ली टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया। लेकिन यह देख पटवारी घबरा गया और आनन-फानन में नोटों को निगल गया जिससे अधिकारियों को भी कुछ क्षणों के लिए हैरानी हुई। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पटवारी को अस्पताल पहुंचाया और सीटी स्कैन के माध्यम से निगले गए नोटों की पुष्टि की। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पटवारी को हिरासत में ले लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है।
सतर्कता निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने इस साहसिक कार्रवाई के लिए विजिलेंस टीम को शाबाशी दी और उन्हें इनाम देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाइयां समाज में एक मजबूत संदेश देती हैं।”यह मामला अब देहरादून ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है। आम नागरिकों ने भी विजिलेंस टीम की तत्परता की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की कार्रवाईयों से सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी।