हरिद्वार, 19 जून। प्रदेश सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेंट स्कीम के अंतर्गत नियमित किए गए पर्यावरण मित्रों के आश्रितों को अब मृतक आश्रित के तहत नौकरी का लाभ मिलेगा। इस फैसले पर उत्तराखंड निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है। गुरुवार को प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मोर्चा के मुख्य संयोजक सुरेंद्र तेश्वर ने सरकार के निर्णय को ऐतिहासिक बताया। तेश्वर ने बताया कि लंबे समय से संविदा पर कार्य कर रहे 859 पर्यावरण मित्रों को सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेंट स्कीम के तहत नियमित किया गया था, लेकिन नियमित किए जाने के बावजूद किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को मृतक आश्रित नियुक्ति का लाभ नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस स्कीम की शर्तों को निरस्त करते हुए इन पदों को 2013 की सेवा नियमावली में शामिल कर दिया गया है। अब इन कर्मचारियों के आश्रित भी अन्य नियमित कर्मचारियों की तरह लाभ ले सकेंगे।
पूर्व दर्जा राज्य मंत्री संतोष गौरव ने भी सरकार से अनुरोध किया कि प्रदेश के विभिन्न निकायों में वर्षों से संविदा, आउटसोर्स या अस्थाई रूप से कार्यरत पर्यावरण मित्र, लाइनमैन, बेलदार, चपरासी जैसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्थाई करने की दिशा में भी सकारात्मक पहल की जाए। उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत पदों को मृत घोषित करने की बाध्यता समाप्त की जाए और नए सिरे से नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाए। मोर्चा संयोजक राजेंद्र श्रमिक ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी से जल्द ही प्रतिनिधिमंडल भेंट करेगा और उनके इस निर्णय के लिए भव्य स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित करेगा।
प्रेसवार्ता में प्रवीण तेश्वर, आत्माराम बेनीवाल, मुकुल जोशी, सलेकचंद, नानकचंद पीवाल, जितेंद्र तेश्वर, दीपक चावरिया, कुलदीप कांगड़ा, मनोज, योगराज, विनोद कुमार, अजीत कुमार, राजेश छाछर, आनंद कांगड़ा, बलराम चौटाला, जुगनू कांगड़ा और अनिल कुमार सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे।