हरिद्वार। सावन माह में शुरू हुई कांवड़ यात्रा को लेकर तीर्थनगरी हरिद्वार में लाखों श्रद्धालु जुट रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच घाटों की सफाई व्यवस्था बनाए रखना नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती है। इस बार नगर निगम ने सफाई पर नजर रखने के लिए तकनीक का सहारा लिया है। पहली बार निगम ने ड्रोन के जरिए घाटों की निगरानी शुरू की है।
नगर निगम ने एक आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से ड्रोन सेवा शुरू की है, जो घाटों व आसपास के क्षेत्रों की रियल टाइम वीडियो रिकॉर्डिंग कर रही है। ड्रोन से जब भी किसी घाट या क्षेत्र में गंदगी दिखती है, उसकी लोकेशन के साथ तस्वीर निगम के अधिकृत व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दी जाती है। इसके तुरंत बाद संबंधित सफाई निरीक्षक व सुपरवाइजर उस स्थान पर सफाई कार्य शुरू करा देते हैं।

नगर आयुक्त नंदन कुमार ने बताया कि ड्रोन तकनीक से सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। पहले किसी क्षेत्र की गंदगी की जानकारी मैन्युअली आती थी, जिससे सफाई में देर हो जाती थी। अब ड्रोन से हर गंदगी पर तत्काल नजर रखी जा रही है और तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
हर घाट पर बढ़ाई गई है सफाई टीम
कांवड़ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए निगम ने सभी प्रमुख घाटों पर अतिरिक्त सफाई कर्मी तैनात किए हैं। हर घाट पर एक सुपरवाइजर नियुक्त है, जो सफाईकर्मियों की निगरानी कर रहा है। इसके अलावा सभी बड़े घाटों पर मुख्य सफाई निरीक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो सफाई के साथ-साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी कर रहे हैं।

पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी
ड्रोन से निगरानी की यह प्रणाली नगर निगम के लिए न सिर्फ एक नवाचार है, बल्कि इससे सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ी है। निगम अधिकारियों का दावा है कि ड्रोन सेवा से उन्हें घाटों की वास्तविक स्थिति की जानकारी तुरंत मिल जाती है, जिससे व्यवस्थाएं समय रहते दुरुस्त की जा रही हैं।
स्थायी मॉडल बन सकता है यह प्रयोग
नगर निगम का यह प्रयास आने वाले वर्षों के लिए एक स्थायी मॉडल बन सकता है। निगम अधिकारियों का मानना है कि अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो आगे चलकर नगर की दूसरी व्यवस्थाओं में भी इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।