हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार पुलिस अब परिवारों को टूटने से बचाने के लिए नई पहल कर रही है। इसी क्रम में महिला हेल्पलाइन हरिद्वार और महिला ऐच्छिक ब्यूरो के संयुक्त प्रयास से शनिवार को पुलिस लाइन रोशनाबाद में बैठक का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन और पुलिस अधिकारियों की देखरेख में हुई इस बैठक में जटिल पारिवारिक विवादों को सुलझाने पर जोर दिया गया।

बैठक के दौरान महिला हेल्पलाइन हरिद्वार में दर्ज कई विवादित मामलों में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर काउंसलिंग कराई गई। इस प्रक्रिया में पांच परिवार टूटने से बच गए, जबकि तीन मामलों में पक्षकारों को सोचने-समझने के लिए अगली तिथि दी गई। पुलिस का मानना है कि इस तरह की पहल से घरेलू कलह में कमी आएगी और समाज में सामंजस्य बनेगा।

कार्यक्रम में बतौर नोडल अधिकारी महिला सुरक्षा/हेल्पलाइन सहायक पुलिस अधीक्षक निशा यादव मौजूद रहीं। उनके साथ मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर अरुण कुमार, समाजशास्त्री विनोद शर्मा, अधिवक्ता रीमा साहीम, समाजसेविका एवं प्रधानाचार्य रंजना शर्मा, प्रभारी महिला हेल्पलाइन मायापुर उपनिरीक्षक अंशु चौधरी, कांस्टेबल पंकज रावत और महिला कांस्टेबल आंचल मनवाल ने भी भाग लिया। Ssp

Ssp प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा कि महिला ऐच्छिक ब्यूरो का मुख्य उद्देश्य परिवारों को जोड़ना और विवादों को अदालत तक पहुंचने से पहले ही सुलझाना है। पुलिस अब केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में रिश्तों को मजबूत करने और घरेलू विवादों को हल कराने की दिशा में भी गंभीर प्रयास कर रही है।

इस पहल से महिला हेल्पलाइन हरिद्वार की भूमिका और भी अहम हो गई है। परिवारों की काउंसलिंग कर उन्हें टूटने से बचाना समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कारगर कदम माना जा रहा है।

