हरिद्वार। यूकेडी के वरिष्ठ नेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री और फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट के निधन की पुष्टि होते ही पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ गई। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे दिवाकर भट्ट ने मंगलवार देर शाम अपने निवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी परिवार और करीबी समर्थकों ने दी। दिवाकर भट्ट अपने संघर्षशील स्वभाव, सरल जीवनशैली और जनता से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। राजनीति से हटकर भी वे सामाजिक मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहे।

कुछ दिन पहले श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष अधीर कौशिक स्वयं उनके घर पहुंचे थे और वहां दिवाकर भट्ट को सम्मानित किया था। यह उनकी दिवंगत नेता से अंतिम औपचारिक भेंट थी। अधीर कौशिक ने बताया कि भट्ट जी उस समय शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे, लेकिन मुलाकात के दौरान उनके चेहरे पर वही पुरानी आत्मीय मुस्कान थी। उन्होंने कहा दिवाकर भट्ट हमेशा संघर्ष और सादगी की मिसाल रहे। यह सम्मान मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।

दिवाकर भट्ट के पुराने साथियों ने भी उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। भेल में वर्षों तक उनके साथ काम कर चुके मनीराम बागड़ी ने कहा कि दिवाकर भट्ट सिर्फ नेता नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और सच्चे साथी थे। उन्होंने याद किया कि भट्ट साहब 30 वर्षों तक भेल में हमारे साथ संघर्षों में खड़े रहे। स्थानीय राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और संत समाज ने दिवाकर भट्ट के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। उनके योगदान, संघर्ष और जनसेवा की विरासत को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।

