हरिद्वार, संवाददाता। चंडी देवी मंदिर प्रकरण में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराने के बाद महंत रोहित गिरी ने आरोप लगाया कि वर्तमान में चंडी देवी मंदिर का मुख्य ट्रस्टी और महंत बताने वाले भवानी नन्दन गिरी महंत नहीं हैं। नियम और परंपरा के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद ही विधि विधान के साथ बेटे को महंत बनाया जाता है।
सोमवार को महंत रोहित गिरी महाराज ने बयान जारी कर अपील करते हुए कहा है कि भवानी नंदन गिरी ना ही महंत है और ना ही चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी है। इसलिए उन्हें महंत भवानी नंदन गिरी के नाम से प्रचारित प्रसारित ना किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि गीतांजलि और भवानी नंदन गिरी द्वारा लोगों को भ्रमित कर अपना प्रचार चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट के महंत के रूप में किया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी महंत भवानी नंदन गिरी के नाम से फेसबुक पेज बनाकर अपना प्रचार भवानी नंदन द्वारा किया जा रहा है, जो की पूर्ण रूप से गलत है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक जब तक वह जिंदा है उनके स्थान पर कोई दूसरा महंत नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

बताया कि गोस्वामी समाज की परंपरा के मुताबिक चंडी देवी मंदिर के वर्तमान महंत की मृत्यु के पश्चात, उनकी तेरहवीं पर संपूर्ण दशनाम गोस्वामी समाज एवं संत समाज के सानिध्य में नए महंत की नियुक्ति होती है। भवानी नंदन ने फर्जी तरीके से नियमों के विरुद्ध जाकर खुद को महन्त घोषित किया है। इसके लिए उन्हें कोर्ट से लीगल नोटिस भेजा जा रहा है। महंत रोहित गिरी महाराज ने यह भी बताया कि वह कानूनी रूप से अपनी चल अचल संपत्ति से गीतांजलि एवं भवानी नंदन को बेदखल कर रहे हैं।

वहीं भवानी नन्दन गिरी का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया तो, उन्होंने फोन नहीं उठाया।
गौरतलब है कि महंत रोहित गिरी ने कोर्ट के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया और चंडी देवी ट्रस्ट पर कब्जा किया गया। इस षडयंत्र में कई लोग शामिल हैं। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।

