हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार जनपद के लक्सर क्षेत्र में तैनात वनकर्मी गुरजंट सिंह वन विभाग के उन कर्मठ और साहसी कर्मचारियों में शुमार हैं, जिनका नाम आते ही सफल रेस्क्यू अभियानों की लंबी सूची सामने आ जाती है। अब तक वह सैकड़ों मगरमच्छों और अजगरों जैसे खतरनाक वन्यजीवों का सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके प्राकृतिक वास स्थल तक पहुंचा चुके हैं। गुरजंट सिंह ने अपनी टीम के साथ मिलकर ढाई कुंतल से अधिक वजनी मगरमच्छ और 18 फुट लंबे अजगर तक पकड़े हैं।
गुरजंट सिंह की सतर्कता और सूझबूझ के चलते कई बार बड़े हादसे टल चुके हैं। सोलानी नदी में फंसी नील गाय को बचाने का उनका अभियान आज भी लोगों के बीच मिसाल के तौर पर याद किया जाता है। क्रेन की मदद से उन्होंने दलदल में फंसी नीलगाय की जान बचाई थी। इसके अलावा उन्होंने कई विलुप्त प्रजाति के पशु पक्षियों का भी सफल रेस्क्यू किया है। जोखिम भरे हालातों में भी वह पीछे नहीं हटते और पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।

करीब दो महीने पहले रेस्क्यू के दौरान एक अजगर के काटने से वह स्वयं हादसे का शिकार हो गए थे। इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ होते ही उन्होंने फिर से वही जज़्बा दिखाया और बिना किसी डर के अपने काम में जुट गए। यह उनकी कर्तव्यनिष्ठा और साहस को दर्शाता है। उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए उच्च अधिकारियों द्वारा गुरजंट सिंह को सम्मानित भी किया जा चुका है। लक्सर क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने में गुरजंट सिंह की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। वन विभाग को ऐसे जांबाज़ कर्मियों पर गर्व है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।

दो दिन पहले स्कूल के पास से किया मगरमच्छ का रेस्क्यू
रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी के निर्देश पर लक्सर के ग्राम खानपुर स्थित न्यू चिल्ड्रन फाउंडेशन एकेडमी जूनियर हाई स्कूल से एक विशालकाय मगरमच्छ देखे जाने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही गुरजंट सिंह वन विभाग की लक्सर टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। टीम ने पूरी सतर्कता और सूझबूझ के साथ मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया। रेस्क्यू के बाद मगरमच्छ को उसके प्राकृतिक वास स्थल में छोड़ दिया गया।

