उत्तराखंड – अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडेय को जूना अखाड़े के द्वारा दीक्षा दिए जाने और मठाधीश बनाये जाने के मामले का श्री महंत हरिगिरि ने संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हे नही दी गई थी। महंत हरिगिरि ने इसे गलत ठहराते हुए जांच बैठा दी और कहा कि दोषी पर कार्यवाही की जाएगीहै। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए 7 वर्तमान और निवर्तमान पदाधिकारियों की एक समिति बना दी है जो अपनी जांच कर रिपोर्ट देगी जिसके बाद पीपी को संत बनाने वाले संतों पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
दरअसल दो दिन पहले उत्तराखंड के अल्मोड़ा जेल में अंडरवल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के द्वारा दीक्षा देकर उन्हें जूना अखाड़ा का उत्तराधिकारी बनाया गया था। अंडरवल्ड डॉन प्रकाश पांडे (पीपी)का नया नामकरण कर उन्हे प्रकाशानंद गिरी नाम दिया गया।
प्रकाश पांडे को पहाड़ों के विभिन्न ने जिनमें से मुख्य गंगोत्री भैरव मंदिर गंगोलीहाट के लंबकेश्वर मंदिर महादेव मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर, काला मुनि मंदिर का मुख्य महंत बनाया गया। अल्मोड़ा कारागार में पहुंचकर थानापति राजेंद्र गिरि, महंत सुरेंद्र पुरी तथा हिंदूवादी नेता कृष्ण कांडपाल के सानिध्य में प्रकाश पांडे को गुरु दीक्षा दी गई। जिसके वाद से उनका नया नाम प्रकाशानंद रखा गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद इनको कुंभ में इनका मुंडन संस्कार किया जाएगा उसके बाद आगे के दायित्वों पर विचार किया जाएगा।