हरिद्वार, संवाददाता। नगर निगम हरिद्वार में एक बार फिर लापरवाही और अनियमितताओं का मामला सामने आया है। नगर आयुक्त नंदन कुमार के निर्देश पर वार्ड संख्या 35 में किए गए औचक निरीक्षण में कार्यप्रणाली में भारी गड़बड़ियां पकड़ी गईं। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कार्यवाहक सुपरवाइज़र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। नगर निगम अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं दर्ज कीं। सबसे पहले, वार्ड में तैनात दो महिला कर्मचारी निरीक्षण के समय अनुपस्थित मिलीं, जबकि सुपरवाइज़र उन्हें नियमित रूप से ड्यूटी पर उपस्थित दिखा रहा था। यह शिकायत पहले से मिल रही थी, जिसे मौके पर सही पाया गया।

टीम द्वारा उपस्थिति पत्रक की जांच में भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कर्मचारियों की उपस्थिति 4 से 5 दिन बाद भरी जा रही थी, जिससे अभिलेखों में हेराफेरी की आशंका और गहरी हो गई है। कई प्रविष्टियों में कटिंग, ओवरराइटिंग और संदिग्ध बदलाव पाए गए, वहीं कई अभिलेख सुपरवाइज़र द्वारा स्व-प्रमाणित भी नहीं थे। जब निरीक्षण टीम ने दोनों अनुपस्थित महिला कर्मचारियों के बारे में पूछा, तो सुपरवाइज़र ने उन्हें ‘अवकाश पर’ बताया, जबकि अभिलेखों में उन्हें लगातार उपस्थित दर्शाया गया था।

नगर आयुक्त ने इन सभी तथ्यों को अत्यंत गंभीर मानते हुए इसे कर्तव्य में घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता और गलत विवरण प्रस्तुत करने की श्रेणी में रखा। उपलब्ध प्रमाणों और निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सुपरवाइज़र को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
नगर आयुक्त नंदन कुमार, IAS ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा—
“नगर निगम में किसी भी प्रकार की लापरवाही, अनुशासनहीनता अथवा अभिलेखों में हेरफेर को किसी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। सभी कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण सत्यनिष्ठा एवं पारदर्शिता के साथ करें।”

