हरिद्वार। कांवड़ यात्रा के बीच गंगा घाट पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान, एशियन गोल्ड मेडलिस्ट और अर्जुन पुरस्कार विजेता दीपक हुड्डा नहाते समय गंगा की तेज धारा में बह गए। मौके पर मौजूद लोगों की सांसें थम गईं लेकिन गनीमत रही कि आपदा राहत कार्यों में तैनात 40 वीं वाहिनी पीएसी की टीम ने समय रहते उनकी जान बचा ली।

घटना उस वक्त हुई जब दीपक हुड्डा हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा स्नान कर रहे थे। स्नान करते समय उनका संतुलन बिगड़ा और वह बहाव के साथ आगे की ओर बहने लगे। यह देख आसपास के श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। कुछ ही पलों में राहत दल सक्रिय हुआ और 40वीं वाहिनी पीएसी के गोताखोरों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। गंगा की तेज धारा और मौके की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद राहत दल ने जिस साहस और सूझबूझ का परिचय दिया, वह सराहनीय है। दीपक हुड्डा को समय रहते बचा लेना राहत कर्मियों की सजगता का स्पष्ट प्रमाण है।

गौरतलब है कि दीपक हुड्डा भारत के अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी हैं। वह प्रो कबड्डी लीग में कप्तानी कर चुके हैं और देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में पदक जीत चुके हैं। उनकी पत्नी स्वीटी बूरा भी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज़ हैं।

इस साहसिक बचाव अभियान को लेकर पूरे प्रशासन और खेल जगत में 40वीं वाहिनी पीएसी के जवानों की खूब प्रशंसा हो रही है। हरिद्वार पुलिस व आपदा राहत बलों की तत्परता की बदौलत एक राष्ट्रीय खिलाड़ी की जान बचाई जा सकी। यह घटना कांवड़ यात्रा के दौरान तैनात राहत दलों की तैयारी और जिम्मेदारी को उजागर करती है। यदि चूक हो जाती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। प्रशासन ने भी इस पूरी कार्रवाई की सराहना करते हुए संबंधित टीम को सम्मानित करने की बात कही है।