हरिद्वार – अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन(बड़ा अखाड़ा) के कई संतो ने आज अपना समर्थन दिया। महंत रविंद्रपुरी ने दावा किया कि पहले उन्हें 13 में से 7 अखाड़ों का समर्थन प्राप्त था और अब बड़ा अखाड़ा को मिलाकर 8 अखाड़ों को समर्थन मिल गया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी वही हैं। बता दे कि कनखल स्थित बड़ा अखाड़ा में शनिवार को बैठक हुई और बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में कई संतो ने समर्थन का एलान किया गया।

“महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि बड़ा अखाड़े के जितने भी पंच हैं, सभी पंचों ने बैठक की, उसके बाद उन्हें समर्थन दिया है। अब उन्हे 8 अखाड़ों का समर्थन मिल गया है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में सभी अखाड़े एक हो जाएंगे। उन्हे सबकी सेवा करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ मेले के लिए ही उन्हें समर्थन मिला है और अब आगे जाकर प्रयागराज कुंभ के जितने भी शेष कार्य बचे हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के कुंभ को मेले को दिव्य और भव्य बनाने पर पूरा प्रयास किया जाएगा।

आपको बता दे कि देश में 13 अखाड़े हैं। महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हो गई थी। एक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी(मनसा देवी मंदिर वाले) हैं और दूसरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी(दक्ष मंदिर वाले)हैं।

अब निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी का दावा है कि जूना अखाड़ा, आह्ववान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, आनंद आखाड़ा, निर्वाणी अणि, नया अखाड़ा और बड़ा अखाड़ा को मिलाकर उन्हे 8 अखाड़ों का समर्थन प्राप्त हो गया है।