उत्तराखंड। उत्तराखंड के एक नशा मुक्ति केंद्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ दो मरीजों ने एक व्यक्ति की बेरहमी से चम्मच से गोदकर हत्या कर दी। इस वारदात के पीछे की वजह सुनकर हर कोई सन्न है। आरोपियों ने खुद ही कबूला कि वे केंद्र की पाबंदियों से परेशान थे और जेल जाने के लिए हत्या की योजना बनाई थी। हत्या की यह वारदात उत्तराखंड के देहरादून में एक निजी नशा मुक्ति केंद्र में हुई। मृतक की पहचान अजय कुमार के रूप में हुई है, जो कुछ ही दिन पहले 8 अप्रैल 2025 को शराब की लत के चलते केंद्र में भर्ती हुए थे। वे शारीरिक रूप से कमजोर थे और चलने-फिरने में असमर्थ थे।
हत्या की रात: पहले संचालक को बनाना चाहते थे निशाना
नशा मुक्ति केंद्र के संचालक रविंद्र कुमार ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपियों की मंशा पहले उनकी हत्या करने की थी। उन्होंने बताया कि बुधवार रात दोनों आरोपियों की गतिविधियां संदिग्ध थीं। बाद में जांच में सामने आया कि वे मेरी हत्या की योजना बना रहे थे। लेकिन जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी के चलते उन्होंने अपने इरादे से पीछे हट गए। इसके बाद आरोपियों ने अगली सुबह मौका पाकर केंद्र में ही भर्ती एक कमजोर मरीज अजय कुमार को निशाना बना लिया। संचालक के मुताबिक मृतक अजय चलने-फिरने में असमर्थ थे इसीलिए आरोपी उन्हें आसान शिकार समझ बैठे।
चम्मच बना हत्या का हथियार
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने हत्या के लिए चम्मच का इस्तेमाल किया। उन्होंने चम्मच को तेजधार हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए कई वार किए। यह सुनियोजित हमला था जिसमें कोई शोर न हो इसका खास ध्यान रखा गया।
आरोपियों की पहचान: पहले से ही परेशान थे
आरोपियों की पहचान गुरदीप सिंह और हरमनदीप सिंह के रूप में हुई है। दोनों पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाले हैं। नशा मुक्ति केंद्र के रिकॉर्ड्स के अनुसार गुरदीप सिंह पहले भी वर्ष 2024 में एक माह तक इसी केंद्र में भर्ती रह चुका था। उस समय वह कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया था। 31 मार्च 2025 को उसके परिवार ने दोबारा उसे केंद्र में भर्ती कराया। हरमनदीप सिंह को 13 अप्रैल 2025 को भर्ती किया गया था। दोनों आरोपी केंद्र में भर्ती एक पुराने मरीज के माध्यम से आए थे।
जेल जाने के लिए रची हत्या की साजिश
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों आरोपियों ने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि उन्होंने यह हत्या जानबूझकर की ताकि जेल भेजे जाएं और उन्हें नशा मुक्ति केंद्र की सख्त दिनचर्या और अनुशासन से छुटकारा मिल सके। संचालक ने बताया उन्होंने मुझ पर हमला करने की भी योजना बनाई थी, लेकिन जब उसमें असफल रहे तो उन्होंने अजय कुमार को मार डाला।
मृतक अजय कुमार का परिवार: देश सेवा और शिक्षा से जुड़ाअजय कुमार का परिवार समाज में प्रतिष्ठित है। पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक उनके दो बेटे हैं। एक बेटा उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत है और बरेली में तैनात है। दूसरा बेटा मेरठ के एक विश्वविद्यालय में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत है।उनकी पत्नी प्राइमरी स्कूल टीचर हैं। परिवार इस दर्दनाक घटना से सदमे में है और उन्होंने न्याय की मांग की है।
पुलिस जांच और अगली कार्रवाई
पुलिस ने दोनों आरोपियों को तत्काल हिरासत में लेकर हत्या, साजिश और गैरकानूनी हथियार इस्तेमाल करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही नशा मुक्ति केंद्र की कार्यप्रणाली, सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी तंत्र की भी जांच की जा रही है।इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने सभी निजी नशा मुक्ति केंद्रों की निगरानी और सख्त निरीक्षण के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।