हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार में मानसून काल में आई बाढ़ और भूस्खलन से जनपद में हुई वास्तविक क्षति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट(पीडीएनए) प्रक्रिया के तहत संयुक्त टीम रविवार को हरिद्वार पहुंची। सीबीआरआई के चीफ साइंटिस्ट डॉ. अजय चौरसिया के नेतृत्व में टीम ने पहले जिला आपदा कार्यालय सभागार में बैठक की।
बैठक में जनहानि, पशुहानि, भवन क्षति व विभागवार नुकसान का विवरण लिया और विद्युत, पिटकुल, सिंचाई, लोक निर्माण, शिक्षा, चिकित्सा, बाल विकास सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने जिले की सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक और भौगोलिक स्थिति के साथ मानसून में हुए नुकसान की जानकारी पावर प्वॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी। बैठक के बाद संयुक्त टीम भीमगोडा क्षेत्र पहुंची। भीमगोडा के पास रेलवे ट्रैक पर क्षतिग्रस्त पहाड़ी का निरीक्षण किया और उसके बाद मनसा देवी पैदल मार्ग पर हुए भू स्खलन से हुए नुकसान का मूल्यांकन भी किया। डॉ. अजय चौरसिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपसी समन्वय से प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर उसे सरकार को भेजा जाए। #मनसा देवी मंदिर

उन्होंने बताया कि आपदा से जो जानमाल का नुकसान हुआ है, उसका मूल्यांकन करने के लिए उनकी टीम हरिद्वार आई है। मूल्यांकन के बाद उसकी डीपीआर बनकर एनडीएमए को दी जाएगी। भविष्य में जानमाल का नुकसान न हो, इसे ध्यान में रखकर तैयारियां की जा रही हैं। भू स्खलन जैसी आपदा को रोकने के लिए कितना खर्च आएगा, उसका आंकलन करना ही हमारा उद्देश्य है। इसके बाद भारत सरकार से बजट जारी होगा। कहा कि बाढ़ व भू कटाव रोकने के लिए लॉन्ग टर्म योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा नदियों के तटबंधों को मजबूत किया जाएगा और वॉश आउट सड़कों के लिए स्थायी प्रस्ताव बनाए जाएंगे। उन्होंने जोर दिया कि सभी आकलन सटीक और श्रेणीवार हों तथा डेटा तैयार करते समय पूरी सावधानी बरती जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कम्युनिकेशन हेतु प्लान-बी तैयार किया जाए और सीवर, ड्रेनेज व एसटीपी निर्माण से जुड़े कार्यों को कार्ययोजना में शामिल किया जाए। उन्होंने ने भीमगोड़ा पुल के पास रेलवे ट्रैक पर बार-बार गिर रहे मलबे वाले स्थल तथा मनसा देवी क्षेत्र में संभावित भूस्खलन स्थलों पर स्थायी समाधान के निर्देश दिए।

इस दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, एनडीएम प्रोफेसर डॉ. गगनदीप, असि. प्रोफेसर एचपी यूनिवर्सिटी डॉ. एम. शर्मा, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. मोहित कुमार पूनिया, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, जिला अर्थ संख्या अधिकारी नलिनी ध्यानी, जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना, रेंज ऑफिसर, राजाजी टाइगर रिजर्व बृजेंद्र दत्त तिवारी, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। #मनसा देवी मंदिर
रेलवे टनल के पास भू स्खलन को अलर्ट जोन में शामिल किया
टीम ने सबसे पहले भीमगोडा में रेलवे टनल के पास हो रहे भू स्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इस क्षेत्र तो अलर्ट जोन में शामिल किया गया। डा. अजय चौरसिया ने बताया कि रेलवे ट्रैक के पास हाई प्रायोरिटी जोन में कंसीडर करके ट्रीट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिर्फ रेलवे टनल ही नहीं उनके फोकस में है बल्कि पूरी मनसा देवी पहाड़ी के ट्रीटमेंट की जरूरत है। क्योंकि भू धंसाव ऊपर से हो रहा है। इसलिए इसकी मुख्य क्षेत्र से ही ट्रीटमेंट की शुरुआत की जाएगी। प्रयास है कि मनसा देवी पहाड़ी के स्थाई ट्रीटमेंट की योजना बनाई जाएगी ताकि बार-बार रेलवे ट्रैक पर पत्थर ना गिरे।

आरक्षित क्षेत्र होने के चलते नहीं हो सका स्थाई समाधान
साल 2023 से मनसा देवी पहाड़ी के ट्रीटमेंट की योजना बनाई जा रही है। कई बार टीमें आई और निरीक्षण करके वापस लौट गई लेकिन अधिकारियों का दावा है कि इस बार स्थाई योजना बनाकर जल्द काम भी शुरू किया जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व का आरक्षित क्षेत्र होने के चलते अनुमति मिलने में काफी समय लगा। लेकिन पिछले महीने उन्हें अनुमति मिल गई है। शॉर्ट टर्म के कार्य सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिए हैं। लॉन्ग टर्म के कार्य शीघ्र ही प्रारंभ होंगे। उसकी डीपीआर भी बनाई जा रही है। अभी हाल ही के मानसून में जो लैंड स्लाइड हुआ है उसे भी इसमें शामिल करके एक समग्रता में कार्य किया जाएगा।

