हरिद्वार, 24 जुलाई। कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा तटों पर भारी मात्रा में कूड़े के ढेर जमा है इसलिए हरिद्वार जिला प्रशासन, नगर निगम और हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 26 जुलाई को सुबह 7:30 बजे से स्वच्छता महा अभियान का आयोजन किया जाएगा। जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित, HRDA उपाध्यक्ष आईएस अधिकारी अंशुल सिंह और नगर आयुक्त नंदन कुमार की ओर से नागरिकों, संत-महात्माओं, व्यापार मंडलों, समाजसेवी संगठनों और युवाओं से इस अभियान में सहभागिता की अपील की गई है।
कांवड़ मेले के बाद घाटों पर बिखरी गंदगी
मेले के दौरान 11 जुलाई से 23 जुलाई तक हरिद्वार में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से करीब साढ़े चार करोड़ कांवड़ यात्री पहुंचे। हर की पैड़ी से लेकर अन्य गंगा घाटों तक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। परंतु मेले के बाद घाटों पर जगह-जगह प्लास्टिक, कूड़ा-करकट और अन्य आठ हजार मीट्रिक टन कचरे का अंबार जमा हो गया है। प्रशासन के अनुसार यह न केवल हरिद्वार की स्वच्छता और सुंदरता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि मां गंगा की पवित्रता पर भी आघात है। ऐसे में यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने तीर्थधाम को पुनः स्वच्छ और निर्मल बनाएं।
जन सहभागिता से ही संभव होगी गंगा सफाई
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि गंगा हमारी आस्था की धरोहर है और हरिद्वार हमारी पहचान है। इसकी स्वच्छता और गरिमा को बनाए रखना हर नागरिक का दायित्व है। हम सब मिलकर इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देंगे। HRDA के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि घाटों पर सफाई के लिए टीमों का गठन कर लिया है। घाटों की स्वच्छता केवल सरकारी तंत्र का कार्य नहीं है, इसमें हरिद्वार के नागरिकों, व्यापारियों, सामाजिक संस्थाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
सभी घाटों पर एक साथ बजेगी स्वच्छता की घंटी
शनिवार सुबह 7:30 बजे हरिद्वार के सभी प्रमुख घाटों—हर की पैड़ी, मालवीय घाट, कनखल, सुभाष घाट, विष्णु घाट, भीमगोड़ा, सप्तऋषि, सिंहद्वार, बैरागी कैंप—पर सफाई अभियान की शुरुआत होगी। घाट गोद लिए संस्थाएं, व्यापारी संघ, स्कूल-कॉलेज के छात्र, स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय निवासी झाड़ू, टोकरी, कचरा बैग के साथ घाटों पर पहुंचेंगे। मुख्य नगर आयुक्त नंदन कुमार ने बताया कि नगर निगम के कूड़ा वाहनों और सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी घाटों पर मौजूद रहेंगे।
अपील: धर्म, संस्कृति और भविष्य की जिम्मेदारी
प्रशासन की ओर से जारी संयुक्त अपील में कहा गया है, गंगा मां के चरणों में हमारी हर झाड़ू की हरकत, हर कचरा उठाने की कोशिश, हमारी सच्ची सेवा और उत्तराखंड की संस्कृति के प्रति सम्मान है। यह सफाई केवल अभियान नहीं, बल्कि अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक पवित्र संकल्प है।