हरिद्वार, 26 सितंबर। हरिद्वार को अन्तर्राष्ट्रीय योग राजधानी और अध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए ऋषिकुल में जल्द ही मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान की स्थापना होगी। यहां ज्योतिष, आयुर्वेद, योग, ध्यान और अध्यात्म का अध्ययन व शोध कराया जाएगा। इसके साथ ही शहर की प्राचीन धर्मशालाओं और आश्रमों को हैरिटेज वॉक के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार शाम को एचआरडीए सभागार में पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। ऋषिकुल मैदान में स्थायी मंच और मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा स्थापित करने की बात भी कही गई। पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने अधिकारियों को जनपद हरिद्वार में स्थित प्राचीन धर्मशालाओं, आश्रम को हैरिटेज वॉक के रूप में विकसित किये जाने के निर्देश दिए। हैरिटेज धर्मशालाओं को चिन्हित करने और उनके संचालकों के साथ बैठक कर रूपरेखा तैयार करने को कहा। उन्होंने बताया कि प्राचीन धर्मशालाओं को हैरिटेज वॉक के रूप में विकसित करने के लिए उनका रिनोवेशन किया जायेगा। जिसमे विदेशी पर्यटकों के हैरिटेज वॉक किये जाने की व्यवस्था की जायेगी। हरिद्वार में अवस्थापना का विकास, गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में स्वच्छता, योग महोत्सवों, अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का वार्षिक आयोजन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। ऋषिकुल मैदान में मदन मोहन मालवीय की मूर्ति स्थापित की जाएगी। साथ ही उन्होंने हरिद्वार को योग, ध्यान और आध्यात्मिक कल्याण एवं वैश्विक केंद्र के रूप में ब्रांडिंग एवं विपणन करने, प्रमुख मंदिरों और विरासत स्थलों के भ्रमण के लिए सिटी हैरिटेज बस सेवा का शुभारंभ करने, आयुष विभाग के सहयोग से 20 शहरी युवा योग क्लबों की स्थापना किये जाने हेतु योजना की रूपरेखा तैयार कर ठोस कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अशुल सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, मुख्य नगर आयुक्त नन्दन कुमार, एचआरडीए के सचिव मनीष सिंह, आयुष विभाग के नोडल डॉ० एच० वशिष्ठ, सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा वाजश्रवा आर्य, परिसर निदेशक ऋषिकुल परिसर डॉ० निदेश चन्द्र सिंह, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय से डॉ० अरविन्द नारायण, दीपक खण्डूडी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद देहरादून, उप निदेशक पर्यटन अमित लोहनी और जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुशील नौटियाल आदि अधिकारी उपस्थित रहे
धर्मशालाएं और आश्रम बनेंगे हैरिटेज वॉक का हिस्सा
योग और आध्यात्म को बढ़ावा देने के साथ ही हरिद्वार के प्राचीन आश्रम और धर्मशालाएं भी आध्यात्मिक पर्यटन का नया आकर्षण बनेंगी। पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने बैठक में निर्देश दिए कि शहर में स्थित इन पुरानी धर्मशालाओं को चिन्हित कर उनके संचालकों से बैठक की जाए और उन्हें हैरिटेज वॉक के रूप में बताया जाए। आश्रम और धर्मशालाओं का रिनोवेशन किया जाएगा ताकि विदेशी देशी पर्यटकों को यहां की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर का ज्ञान मिल सके। योजना के तहत हैरिटेज वॉक में विशेष रूट तैयार किया जाएगा, जिसमें पर्यटक प्राचीन धर्मशालाओं, आश्रमों और गंगा तटवर्ती क्षेत्रों का भ्रमण कर सकेंगे। इस पहल से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हरिद्वार की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रयास हरिद्वार को एक हेरिटेज सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।

