हरिद्वार – मंगलोर विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग में कोई हिंसा के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता एकजुट दिखाई दिखाई। काजी निजामुद्दीन, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, सांसद इमरान मसूद, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, सुनीत हृदयेश समेत सभी पांचों विधायकों ने पहले एसपी देहात कार्यालय का घेराव किया और उसके बाद मंगलौर कोतवाली का घेराव कर दिया।
शाम होने तक सभी कांग्रेसी मंगलौर कोतवाली में ही डटे रहे। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर राज्य सरकार के दबाव में काम करने और मतदान प्रभावित कर कांग्रेस समर्थकों को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया।
मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में खूनी संघर्ष, भारी पुलिस बल तैनात

विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग प्रक्रिया शुरू होने के एक घंटे बाद ही विवाद हो गया। सबसे पहले लिब्बरेहडी गांव में बने पोलिंग बूथ पर वोट डालने को लेकर दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे चले। कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि कई राउंड फायरिंग भी वहां की गई। वो खुद मारपीट में हुए कई घायलों को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को वोट डालने से रोका गया।

बवाल की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल लेकर पहुंचे एसपी देहात
बवाल की सूचना मिलते ही एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह भारी पुलिस बल लेकर गांव में पहुंचे। हालांकि एसपी देहात ने गांव में किसी भी तरह की फायरिंग होने से इंकार किया और दावा किया कि गांव में शांति पूर्ण तरीके से मतदान प्रक्रिया चली है।