उत्तराखंड। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा और भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं। एक दिन पहले उन्होंने एक पोस्ट लिखी और उसमें 2016 स्टिंग प्रकरण का जिक्र किया। आज फिर से उन्होंने एक पोस्ट की है जिसमें लिखा है कि …..
कल मैंने एक लंबी पोस्ट की उससे आप जुड़े, आपका धन्यवाद।
मैं इस तथ्य को फिर दोहराना चाहता हूं कि #उत्तराखंड के अंदर दो व्यक्ति ऐसे हैं जिनके ऊपर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार कभी भी हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर सकती है। इन दो लोगों के पेट में 2016 के स्टिंग का पूरा इतिहास और क्रम, इस प्रकरण के प्रेरकों के नाम, उससे जुड़े हुए विभिन्न किरदारों के नाम और किसको कितना धन गया उसका रहस्य मौजूद है।
मैं समय के व्यवहार से थोड़ा दुःखी था। कई बार मन में भाव आया, जब इतने लोग नहीं चाहते हैं कि मैं #राजनीति में रहूं तो सम्मान पूर्वक हट जाना ही अच्छा है। 2016 का प्रकरण एक ऐसा प्रसंग है जिसके संपूर्ण तथ्यों के उजागर हुए बिना राजनीति से हटने का अर्थ है कि आप पर भाजपा द्वारा जो झूठा प्रचार थोपा गया है उसको हमेशा-हमेशा के लिए अपने गले में लटका कर इस दुनिया से जाना। इस बात का ध्यान आते ही मैं रूग्णता आदि के बावजूद भी संघर्ष के रास्ते पर निकल पड़ता हूं, कोई चाहे या न चाहे मेरा 58-60 साल का राजनीतिक जीवन मुझसे यह अपेक्षा करता है कि मैं भारतीय जनता पार्टी के झूठ व दुष्प्रचार का पूरी शक्ति लगाकर पर्दाफाश करूं। Harish rawat
मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन भगवत प्रेरणा से इन दो लोगों के पेट से 2016 का दल-बदल, सरकार को भंग करना आदि रहस्य और केंद्र सरकार व भाजपा के पापों की हकीकत सामने आएगी।
मन में एक आशा यह भी है, यदि 2027 में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आती है तो हम नये सिरे से मामले को और इससे जुड़े हुए पात्रों की अपराधिक स्थिति की जांच कर सत्य को जनता-जनार्दन के सम्मुख ला सकते हैं। एक #तथाकथित_स्टिंग को लेकर भाजपा द्वारा जो ताने मुझ पर कसे जाते हैं, वह मात्र ताने नहीं है लगभग 58-60 वर्ष के मेरे सामाजिक, राजनीतिक जीवन की सूचिता पर सवाल हैं। Harish rawat
मेरी मां जगदंबा से प्रार्थना है कि माते मैं इस धरती से विदा होऊं उससे पहले 2016 के भाजपा के पापाचार का भंडाफोड़ जनता के सम्मुख हो जाए। इस राज्य के अंदर लाखों लोग होंगे जिनकी तरफ मैंने आगे बढ़कर सेवा का हाथ बढ़ाया है। एक जनसेवक के रूप में मेरी छवि पर भाजपा के प्रपंच ने जो दाग लगाया है, मैं उसके साथ संसार से नहीं जाना चाहता हूं। यदि मेरी पोस्ट को पढ़ने वालों के मन में मेरे प्रति कुछ भी अपनत्व का भाव पैदा हो रहा है तो मेरे इस अंतिम संघर्ष में मेरे साथ खड़े हों।
मेरा निवेदन उन लोगों से भी है जो किसी न किसी कारणवश भाजपा के षड्यंत्र का हिस्सा बन गए हैं और उन्हें लगता है कि झूठ, लूट-फूट की यह व्यवस्था बदलनी चाहिए तो उन्हें भी मेरे साथ जुड़कर इस संघर्ष का नेतृत्व करना चाहिए।
कल मैं इस प्रकरण के दुष्प्रभाव स्वरूप जो राज्य के संसाधनों की लूट हो रही है उस पर भी आपसे अपनी बात साझा करूंगा।
Harish rawat

