हरिद्वार। अपने ड्रोन कैमरे का ऐसा प्रयोग नहीं देखा होगा। हरिद्वार के जिला कारागार में ड्रोन एंबुलेंस की शुरुआत एम्स की मदद से की गई है। पहली बार हरिद्वार जिला कारागार में बंद 10 कैदियों की हेपेटाइटिस सी की दवाइयां मंगाई गई और 10 कैदियों के ही ब्लड सैंपल लेकर जेल से सीधा एम्स ऋषिकेश एम्स अस्पताल में जांच के लिए भिजवाए गए।
जानकारी देते हुए हरिद्वार जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि हरिद्वार की जिला कारागार में एम्स ऋषिकेश द्वारा दवाइयां ड्रोन एम्बुलेंस के माध्यम से ड्राप करने की सुविधा शुरू की गई है। जिसमें आज हरिद्वार की जिला कारागार में मौजूद 10 बंदियों की दवाइयां मंगाई गई है। उन्होंने बताया कि एम्स को डायरेक्टर प्रोफेसर मीनू सिंह और डॉक्टर अजीत भदोरिया के द्वारा जो यह दवाइयां आज एम्स से रवाना की गई है। इसी के साथ 10 बंदियों के ब्लड सेम्पल भी ड्रोन हॉस्पिटल ऋषिकेश में भेजे गए हैं। जिला कारागार में बंद कैदियों को अच्छा स्वास्थ्य लाभ तो मिलेगा। इसी के साथ जो जेल प्रशासन को पहले किसी कैदी के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी और फिर एक जेल प्रशासन हो या फिर पुलिस की सहायता लेकर उसे कैदी की जांच के लिए कैदी को जेल से बाहर ले जाना पड़ता था। वह सब अब बंद हो जाएगा। इससे कैदियों को जल्द स्वस्थ लाभ भी मिलेगा।

इसी के साथ ही वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने कहा कि जल्द ही हमारे द्वारा एम्स के डॉक्टर के साथ अब कैदीयो के स्वास्थ्य पर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मदद ली जाएगी। जिससे जिला कारागार में बंद कैदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही अपनी समस्याएं डॉक्टर को बता सकते हैं और वह उनका इलाज कर सकेंगे।

गौरतलब है कि ड्रोन एम्बुलेंस का यह पहला प्रयोग सफल रहा। पहली बार में दवाएं आई भी और ब्लड सैंपल लेकर ऋषिकेश एम्स अस्पताल भी भेजे गए। अब जल्द ही इस दिशा में अन्य कदम भी उठाए जाएंगे।