उत्तराखंड, 16 नवंबर। शीतकाल शुरू होने के साथ ही कल 17 नवम्बर से बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने से पहले बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। एक पहले भी बद्रीनाथ धाम श्रद्धालुओं से गुलजार है।
बता दे कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाओं के तहत शुक्रवार को वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है। अब दो दिनों तक गुप्तमंत्रों से ही बदरीनाथ की पूजाएं संपन्न होंगी। बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। 13 नवंबर से धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरू हो गई थीं।
पंचपूजा के तीसरे दिन प्रात:काल रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी और बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की मौजूदगी में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने वेद उपनिषद को बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में रावल के सुपुर्द किया। जबकि धार्मिक पुस्तकों को मंदिर गर्भगृह से धर्माधिकारी वेदपाठियों के हवाले कर दिया गया। दो दिनों तक गुप्तमंत्रों से बदरीनाथ की अभिषेक पूजा व अन्य सामान्य पूजाएं संचालित होंगी।