हरिद्वार, संवाददाता। कांवड़ मेले की समाप्ति के बाद हरिद्वार के विभिन्न गंगा घाटों पर करीब 8 हजार मीट्रिक टन कूड़ा जमा हो गया है। ऐसे में नगर निगम हरिद्वार ने ‘महा सफाई अभियान’ की शुरुआत करते हुए घाटों को पुनः स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार को नगर आयुक्त नंदन कुमार स्वयं घाटों पर पहुंचे और रात तक सफाई कार्यों की निगरानी की।

नगर निगम ने इस बार अपनी पारंपरिक सफाई व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। हर वर्ष शिवरात्रि की रात विशेष सफाई अभियान चलाया जाता था, लेकिन इस बार नगर निगम ने पूरे मेला कालखंड के दौरान लगातार सफाई कराते रहने की रणनीति अपनाई। इसके परिणामस्वरूप बुधवार गंगा आरती से पहले ही घाटों को स्वच्छ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया और लक्ष्य को पूरा करते हुए हरकी पैड़ी का सारा कूड़ा साफ भी किया गया।
जिम्मेदार अफसर तैनात, आधुनिक संसाधन लगाए
नगर आयुक्त के निर्देशन में चार नोडल अधिकारी और ग्यारह मुख्य सफाई निरीक्षक तैनात किए गए हैं, जिन्हें विभिन्न घाटों की जिम्मेदारी दी गई है। सफाई को तेजी से अंजाम देने के लिए नगर निगम ने 15 ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ, 3 लोडर, 3 टिपर और 8 सीएनजी वाहन तैनात किए हैं। सफाई कर्मियों की टीम को दिन-रात काम पर लगाया गया है।

श्रद्धालुओं को मिले साफ-सुथरा गंगा घाट
नगर निगम का स्पष्ट लक्ष्य है कि शिवरात्रि की रात तक सफाई अभियान पूर्ण कर लिया जाए, ताकि अगली सुबह श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और आध्यात्मिक वातावरण में स्नान और पूजा का अवसर मिल सके। यह पहल नगर निगम की कार्यसंस्कृति में बदलाव और उत्तरदायित्व की भावना का परिचायक मानी जा रही है।नगर निगम का यह अभिनव प्रयास न केवल शहर की स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में सार्थक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों की गरिमा बनाए रखने और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर नगर प्रशासन सजग है।
नगर आयुक्त नंदन कुमार ने कहा:
“हमारा प्रयास है कि श्रद्धालुओं को हर स्तर पर स्वच्छता का अनुभव हो। गंगा घाटों की सफाई हमारी प्राथमिकता है और पूरी टीम मिशन मोड में काम कर रही है।”
मेला समाप्त, लेकिन सफाई नहीं रुकी
मेले की समाप्ति के बाद भी आमतौर पर सफाई कार्य शिथिल पड़ जाता था, परंतु इस बार नगर निगम ने साफ संकेत दिया है कि मेला खत्म होने के बाद भी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। घाटों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सफाई का कार्य निरंतर जारी है।