हरिद्वार (लक्सर)। बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सोमवार को लक्सर और खानपुर क्षेत्र के बाढ़ संभावित इलाकों में मॉक ड्रिल के जरिए तैयारियों को परखा गया। मॉक ड्रिल में एक आपात स्थिति का अभ्यास किया गया जिसमें गंगा की धारा में फंसे दस लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।
एसडीएम सौरभ असवाल और तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, सिंचाई, राजस्व व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ कलसिया और दललेवाला गांवों में मॉक ड्रिल की। सोमवार सुबह 7:15 पर वायरलेस सेट पर सूचना दी गई कि खानपुर क्षेत्र के बालावाली घाट के पास गंगा की धारा में दस लोग फंस गए हैं। सूचना मिलते ही तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर राज्यवर्धन और पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हुई।

टीम सबसे पहले बालावाली बाढ़ राहत चौकी पहुंची जहाँ से जरूरी उपकरण लेकर कलसिया गांव के गंगा घाट पर पहुंचे। इसके बाद मोटर बोट की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। गंगा की तेज धाराओं के बीच सभी दस लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बचाए गए सभी लोगों को बालावाली स्थित राजकीय जूनियर हाईस्कूल में बने बाढ़ राहत शिविर में भर्ती कराया गया। तहसीलदार चौहान ने बताया कि सभी की हालत सामान्य है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के बीच तालमेल और तत्काल प्रतिक्रिया को परखना था।

एसडीएम सौरभ अस्वाल व तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने किया नेतृत्व
एसडीएम सौरभ असवाल ने बताया, “हमारी प्राथमिकता जान-माल की रक्षा है। बाढ़ की स्थिति में किस विभाग की क्या भूमिका होगी, इसका आज पूर्वाभ्यास किया गया। सभी विभागों का समन्वय संतोषजनक रहा। रेस्पॉन्स टाइम भी बेहतर रहा। स्थानीय ग्रामीणों को भी बचाव के तरीके बताए गए हैं। ”