हरिद्वार, संवाददाता। आज विश्व शौचालय दिवस है और देशभर में इसको लेकर स्वच्छता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एशिया का सबसे बड़ा शौचालय हरिद्वार में बना है। इस शौचालय में दो टॉवर हैं। एक टॉवर में 250 महिला शौचालय और दूसरे में 250 ही पुरुष शौचालय बने हैं। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आश्रम के संचालकों ने सफाई अभियान चलाया और बताया कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
दो टावरों में बने हैं 500 शौचालय
प्रेमनगर आश्रम के प्रबंधक पवन कुमार ने बताया कि आश्रम में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। खुद सतपाल महाराज भी यहां सत्संग लगाते रहते हैं, जिनमें देश दुनिया से उनके लाखों भक्त आते हैं। इसलिए इतने लोगों को देखते हुए सन 1990 में प्रेमनगर आश्रम में शौचालय टावर बनाया गया। करीब एक तक निर्माण कार्य चला और निर्माण पूरा होने के बाद इसे विश्व विशालतम शौचालय नाम दिया गया। इस शौचालय में महिला और पुरुषों के लिए दो टावर हैं। जिनमें करीब 500 शौचालय हैं। बताया कि स्वच्छत भारत का उद्देश्य लेकर ही शौचालय निर्माण कार्य कराया गया, ताकि बड़े आयोजनों पर न तो गंदगी फैले और न ही लोगों को परेशान होना पड़े।

20 कर्मचारी संभालते हैं सफाई का जिम्मा
आश्रम के इंजीनियर डॉ. महेंद्र ने बताया कि शौचालय टावर को मेंटेन करने के लिए बीस कर्मचारी लगाए गए हैं, जो साफ सफाई का जिम्मा संभालते हैं। वैशाखी के दौरान सतपाल महाराज के सद्भावना सम्मेलन में लाखों श्रद्धालु और भक्त प्रेमनगर आश्रम आते हैं। दस हजार की क्षमता वाले हॉल में ही रुकते हैं। उस समय यह शौचालय बहुत उपयोगी साबित होता है।

मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम में बना है टावर
शौचालय टावर प्रेमनगर आश्रम में बना है। प्रेमनगर आश्रम उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। मंत्री होने के साथ ही वो आध्यात्मिक गुरु भी हैं। दुनियाभर में उनके लाखों भक्त हैं। अपने बड़े आयोजन वो हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में ही करते हैं। उनके कथा और सद्भावना सम्मेलन में लाखों भक्त आते हैं। आश्रम में मौजूद एक हजार कमरों में उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा आश्रम में एक बड़ा हॉल भी है जिसे गोवर्धन हॉल के नाम से जाना जाता है। हरिद्वार के सबसे बड़े इनडोर हॉल के बीच में एक भी पिलर नहीं है और इसकी क्षमता दस हजार है। इसलिए इस हॉल मैंने कई बड़े राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इसलिए उनके द्वारा ही स्वच्छता और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इतना विशाल शौचालय बनाया गया।

