हरिद्वार, संवाददाता। कनखल थाना क्षेत्र के जियापोता में चल रही फ्रूट जूस और पल्प बनाने की फैक्ट्री को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में बेहद गंदगी और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में पल्प का निर्माण होता पाया गया। मौके पर खराब क्वालिटी का करीब डेढ़ हजार किलो से अधिक पल्प नष्ट कराया गया, जबकि इकाई से तीन सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। विभाग ने फैक्ट्री को नोटिस जारी कर उत्पादन, संग्रह और बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है।
गोपनीय सूचना और विभाग द्वारा की गई रेकी के बाद शुक्रवार को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी एम.एन. जोशी और वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन की टीम ने श्री हरि एग्रो प्रोडक्ट नामक पल्प एवं जूस निर्माण इकाई पर छापेमारी की। निरीक्षण में सामने आया कि सेब, कीवी और लीची का पल्प खुले ड्रमों में धूप के नीचे रखा गया था। मशीनों और फर्श पर जंग और गंदगी जमी थी। स्टोर में पल्प के ड्रम लकड़ी के गुटकों और पुराने अखबार की रद्दियों के बीच रखे मिले। टीम ने मौके से खुला एप्पल शूट पल्प, कीवी फ्रूट पल्प और उपयोग में लाए जा रहे संरक्षक सिट्रिक एसिड के तीन नमूने जांच हेतु लिए। कुल 52 ड्रमों की जांच में से आठ ड्रमों में पल्प पूरी तरह खराब और बदबूदार मिला। विभाग ने करीब 800 किलो एप्पल पल्प और 760 किलो कीवी पल्प को गड्ढा खुदवाकर नष्ट कराया। नष्ट किए गए पल्प की अनुमानित कीमत करीब ₹24 हजार बताई जा रही है। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री संचालक के पास पानी की रिपोर्ट, एफएमएस प्लान, रिकॉल प्लान, आंतरिक- बाह्य ऑडिट रिपोर्ट, कर्मचारियों के मेडिकल प्रमाणपत्र और विक्रय इनवॉइस रिकॉर्ड जैसे अनिवार्य दस्तावेज नहीं मिले।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी एम.एन. जोशी ने बताया कि—
“निरीक्षण में फैक्ट्री पूरी तरह अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में संचालित पाई गई। मौके पर ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 32 के तहत इंप्रूवमेंट नोटिस जारी किया गया है। इकाई को निर्देशित किया गया है कि जब तक पाई गई अनियमितताओं का निवारण नहीं होता और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाते, तब तक किसी भी प्रकार का उत्पादन या बिक्री नहीं होगी। आदेश का उल्लंघन होने पर संबंधित थाना कनखल को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा।”
गौरतलब है कि हरिद्वार में एफडीए की यह पांच दिनों में तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले विभाग ने पनीर निर्माण इकाई और मावा यूनिटों पर भी छापेमारी कर अनियमितताएं पकड़ी थीं। विभाग का कहना है कि यह अभियान दिवाली पर्व तक लगातार जारी रहेगा।

