नहाने के दौरान फिसलकर गंगा में डूब, मासूम की तलाश में जुटी पुलिस व एसडीआरएफ
हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार में रविवार को एक हृदयविदारक हादसा सामने आया। ज्वालापुर के जटवाड़ा पुल घाट पर गंगनहर में नहाने आई महिला का चार वर्षीय बेटा पानी की तेज धारा में बह गया। बेटे को आंखों के सामने डूबता देख मां ने भी खुद को गंगनहर में झोंकने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद सतर्क पुलिसकर्मियों ने महिला को बचा लिया। घटना के बाद घाट पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें देर शाम तक मासूम की तलाश में जुटी रहीं।
बरेली जिले के थाना सिसगढ़ क्षेत्र के ग्राम बिलसा निवासी सर्वेश अपनी पत्नी सुरेश और बेटे के साथ कुछ समय से हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र स्थित धीरवाली में रह रहे हैं। रविवार को वो अपने बेटे को लेकर जटवाड़ा पुल घाट पर स्नान के लिए पहुंची थी। दोपहर करीब 12 बजे गंगनहर में नहा रही थी, तभी उनका चार वर्षीय बेटा अचानक फिसल गया और पानी की तेज धारा में बहता चला गया। घटना इतनी तेजी से हुई कि मां कुछ समझ पाती, इससे पहले ही मासूम गहराई में ओझल हो गया। यह दृश्य देखकर मां का कलेजा फट गया। वह भी गंगनहर में कूदकर जान देने का प्रयास करने लगी। इसी दौरान घाट पर तैनात महिला कांस्टेबल पूनम सोरियाल और कांस्टेबल अनिल चौहान ने सूझबूझ और तत्परता का परिचय देते हुए महिला को पकड़ लिया और खींचकर बाहर निकाला।घटना के बाद घाट पर मौजूद लोगों की भीड़ जुट गई। महिला चीखती-चिल्लाती रही, वहीं पुलिस ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू करा दिया। गोताखोरों के साथ-साथ एसडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। देर शाम तक मासूम का कोई सुराग नहीं लग सका था।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे गंगनहर या अन्य जल स्रोतों पर स्नान करते समय पूरी सतर्कता बरतें। छोटे बच्चों को घाट किनारे अकेला न छोड़ें और पानी के तेज बहाव वाले क्षेत्रों में नहाने से बचें।
घटनास्थल पर ड्यूटी कर रही महिला कांस्टेबल पूनम सोरियाल और कांस्टेबल अनिल चौहान की तत्परता से महिला की जान बच गई। अगर वे समय पर हस्तक्षेप न करते तो एक और जान गंगनहर की भेंट चढ़ जाती।