हरिद्वार। हरिद्वार से भाजपा सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शेर और कुत्ते वाले बयान के बाद उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बयानों में विरोधाभास देखने को मिला। जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र के बयान की कड़ी निंदा की वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने खुले तौर से त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान का समर्थन किया और कहा कि वो भ्रष्टाचार का साथ नहीं दे सकते। इस मुद्दे पर वो त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हैं।
शनिवार को हरिद्वार एक आश्रम में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हरीश रावत और करन माहरा ने अलग अलग बयान दिए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उनके बयान की तुलना पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से कर डाली। वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान का समर्थन किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घमंड में प्रेमचंद पार्ट 2 बयान दिया है। इतना ही नहीं हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह ने संसद में खनन का बिल्कुल सही मुद्दा उठाया है लेकिन सरकार की विफलता के लिए अधिकारियों को ऐसे शब्दों से संबोधित नहीं किया जा सकता है। त्रिवेंद्र सिंह ने घमंडिया शब्दों का इस्तेमाल किया है जो शब्द तकलीफ पहुंचाने वाला है। इतना नहीं हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जब अधिकारी कमजोर राजा के राज में काम करते हैं, उन्हें ये सब झेलना पड़ता है।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस लगातार खनन के मुद्दे को उठा रही थी और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो दो बार सदन में इस मुद्दे को उठाकर मोहर लगाने का काम किया है। जिन लोगों के खिलाफ बयान दिया गया है यदि वह सही होते तो ऐसा बयान नहीं आता। करण महारा ने कहा कि वो भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े नहीं हो सकते इसलिए वो त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हैं।
हालांकि कांग्रेस के दोनों नेताओं ने अलग अलग बयान क्यों दिए इसके बारे में दोनों ही कोई जवाब नहीं दे पाए। मगर दोनों के बयानों में विरोधाभास जरूर नजर आया।