मुंबई, महाराष्ट्र। महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चली आ रही चुप्पी को तोड़ते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। अभिनेता और फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ एक पॉडकास्ट बातचीत में राज ठाकरे ने कहा कि उनके और उद्धव के बीच मतभेद “महाराष्ट्र और मराठी अस्मिता” के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं।
राज ठाकरे ने बेबाकी से कहा, “उद्धव और मेरे बीच विवाद और झगड़े मामूली हैं। महाराष्ट्र इन सबसे कहीं बड़ा है। हमें बड़ी तस्वीर देखने की ज़रूरत है। अगर मराठी लोगों को सच में अपने भविष्य की चिंता है, तो सभी राजनीतिक दलों को एक होकर एक पार्टी बनानी चाहिए।”
साथ आना मुश्किल नहीं, यह इच्छाशक्ति का मामला है
राज ठाकरे का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य की राजनीति में गठजोड़ और विभाजन का दौर जारी है। उन्होंने कहा यह सिर्फ मेरी इच्छा या स्वार्थ की बात नहीं है। हमें महाराष्ट्र के भविष्य के लिए एक साथ आना चाहिए। साथ आना मुश्किल नहीं है, यह सिर्फ़ इच्छाशक्ति का मामला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महाराष्ट्र चाहता है कि हम साथ आएं तो जनता को आवाज़ उठानी चाहिए। मैं अपने अहंकार को ऐसे मामलों में आड़े नहीं आने देता राज ने जोड़ा।
उद्धव से कोई व्यक्तिगत नाराज़गी नहीं
राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना से अलग होने और 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए विभाजन के बीच के फर्क को स्पष्ट करते हुए कहा मैंने तब पार्टी छोड़ी जब विधायक और सांसद मेरे साथ थे। लेकिन मैंने अकेले चलना चुना क्योंकि मैं बालासाहेब ठाकरे के अलावा किसी के अधीन काम नहीं कर सकता था। मुझे उद्धव के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया क्या दूसरे पक्ष में मेरे साथ काम करने की इच्छा है? यह सवाल उद्धव ठाकरे और शिवसेना (उद्धव गुट) के लिए एक सीधा संदेश माना जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
राज ठाकरे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई है। क्या यह एक संभावित राजनीतिक पुनर्मिलन का संकेत है? क्या मराठी मतदाता इस एकता के पक्ष में आवाज़ उठाएंगे? राज ठाकरे का यह रुख ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता, बेरोज़गारी, क्षेत्रीय असंतुलन और राजनीतिक अस्थिरता जैसे मुद्दे जनता के बीच बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। ऐसे में अगर मराठी नेतृत्व एकजुट होता है, तो यह राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय खोल सकता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
राज ठाकरे के इस पॉडकास्ट क्लिप के सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद, लोगों ने जमकर प्रतिक्रियाएं दीं। कई लोगों ने इसे एक सकारात्मक संकेत बताया, तो कुछ ने इसे चुनावी रणनीति करार दिया।