अनिल शर्मा, लालढांग।
हरिद्वार। राज्य गठन को 25 वर्ष बीतने के बाद भी लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग का डामरीकरण न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को कैंडल मार्च निकाला। ग्रामीणों ने नया गांव तिराहे से लेकर लालढांग गांधी चौक तक हाथों में मोमबत्तियां लेकर “एक ही लक्ष्य, एक ही नारा लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग बनाओ हमारा, रोड नहीं तो वोट नहीं जैसे नारे लगाए।

गांधी चौक पर हुई सभा को संबोधित करते हुए कंडी रोड संघर्ष समिति के संयोजक कीर्ति मोहन द्विवेदी ने कहा कि 20 नवंबर 2008 को सड़क निर्माण का शासनादेश तत्कालीन सचिव अनूप बधावन द्वारा जारी हुआ था। लेकिन 17 साल बीतने के बाद भी आज तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि लालढांग क्षेत्र के कॉलेज के छात्र, बीमार लोग और ग्रामीण आज भी दो बरसाती नदियां पार कर आने-जाने को मजबूर हैं। यह मार्ग राजनीति की भेंट चढ़ चुका है। शासन के पास जो पत्र हैं, उनमें कहीं भी न्यायालय का जिक्र नहीं है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

सभा को संबोधित करने वालों में नारायण सिंह रावत, नवीन चमोली, आर.एस. मनराल, तेजपाल सिंह, असलम, रोहित नेगी, निर्मल डबराल, भुवनेश शर्मा, जयवीर सिंह, जयचंद चतुर्वेदी, अनीश, लोकेश नेगी, चंद्रमोहन नेगी, सोनू वर्मा, यशपाल, ममता मनराल, शोभा देवी और सुनीता शामिल रहे। इसके अलावा ग्राम प्रधान कमलेश द्विवेदी, आलोक द्विवेदी, सुरेंद्र रावत और बृजमोहन पोखरियाल भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

