हरिद्वार, संवाददाता। नए घाटों के लिए पेड़ों को काटने के विरोध में उतरे पर्यावरण प्रेमी, ग्रीन बेल्ट बचाने के लिए किया विरोध प्रदर्शन। धर्मनगरी नगरी हरिद्वार में सिंहद्वार से अमरापुर घाट तक नए गंगा घाटों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कुंभ मेले के बजट से नए घाट बनाए जा रहे हैं। नए घाटों के निर्माण के लिए सैकड़ों पेड़ो को काटने की चर्चा शुरू होते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। मंगलवार को घाटों के निर्माण की योजना के तहत सैकड़ों हरे भरे पेड़ों के काटने का आरोप लगाते हुए पर्यावरण मित्र संस्था से जुड़े सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और पेड़ों का कटान न करने की मांग की गई। संस्था के अध्यक्ष डॉ॰ संदीप कपूर एवं व्यापार मंडल के जिला महामंत्री प्रदीप कालरा ने कहा कि विकास के नाम पर पर्यावरण का विनाश नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम जागरूक नहीं हुए तो हरिद्वार का हाल भी दिल्ली एनसीआर जैसा हो जाएगा। जहां आज स्वच्छ सांस लेना भी दुर्लभ हो गया है। संस्था के महामंत्री संजय पंवार एवं संरक्षक नीलू खन्ना ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के नाम पर टैक्स लगा दिया है लेकिन धर्मनगरी हरिद्वार में सैकड़ों पेड़ों को काटने की तैयारी कर रही है। यह दोहरा चरित्र सहन नहीं किया जाएगा। सभी लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापिस नहीं लिया तो हरिद्वार में एक नया चिपको आंदोलन चलाया जाएगा। परंतु किसी भी कीमत पर हरे भरे पेड़ों को कटने नहीं देंगे।
प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से अभिषेक गुप्ता, संजय भारद्वाज, रवि गुप्ता एडवोकेट, आशु गिरि, वीरेंद्र शर्मा, संजय खुराना, विनय सिंघल, रजत जैन, सुदेश सैनी, अशोक पहलवान, चंद्रमोहन खुराना, चौधरी हरपाल सिंह, स्वराज सिंह, अतुल गुप्ता, पीयूष वर्मा, पवन घई, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। चिपको आंदोलन की चेतावनी
दरअसल 2027 अर्द्धकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए कुंभ मेला प्रशासन नए घाटों का निर्माण करा रहा है, ताकि हरकी पैड़ी पर भीड़ का दबाव न बढ़े। इसलिए पहले चरण में अमरापुर घाट से लेकर सिंहद्वार तक ढाई किलोमीटर लंबा घाट का निर्माण कार्य चल रहा है। चर्चा है कि इतनी दूरी के बीच ग्रीन बेल्ट को काटने के लिए योजना बनाई जा रही है। चर्चा तेज होते ही लोगों ने पेड़ों को काटने का विरोध भी तेज कर दिया है। हालांकि यह घाट उत्तराखंड सिंचाई विभाग द्वारा बनाए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता का कहना है कि कुछ पेड़ों को काटने की अनुमति के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। सभी पेड़ नहीं काटे जाएंगे। बड़े पेड़ो को घाट के बीच में ही एडजस्ट कर सौंदर्यकरण किया जाएगा। चिपको आंदोलन की चेतावनी दी।

