हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार वन प्रभाग की टीम ने शुक्रवार को झिलमिल झील संरक्षण रिजर्व क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर 15 हेक्टेयर भूमि को कब्जामुक्त कराया। यह ज़मीन करीब 60 वर्षों से ग्रामीणों के कब्जे में थी, जिस पर खेती की जा रही थी।
भारी बारिश और दलदली ज़मीन जैसी मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद डीएफओ वैभव सिंह के निर्देश पर एसडीओ हरिद्वार पूनम कैंथोला और एसडीओ रुड़की सुनील बलूनी के नेतृत्व में सैकड़ों वनकर्मी, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने घंटों तक कार्रवाई जारी रखी। टीम ने सीमांकन कर भूमि को पुनः संरक्षण क्षेत्र में शामिल किया और वन विभाग के कब्जे में ले लिया।

“डीएफओ वैभव सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि भविष्य में दोबारा कब्जा करने की कोशिश हुई तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

ड्रोन कैमरे से निगरानी की
साठ सालों से कब्जाधारियों से भूमि मुक्त कराना बड़ी चुनौती थी लेकिन वन प्रभाग की टीम ने सभी चुनौतियों से निपटने की पूरी तैयार की थी। टीम में बड़े अधिकारियों के अलावा रेंजर शैलेंद्र सिंह नेगी और रेंजर महेश शर्मा समेत तमाम वनकर्मियों के साथ ही पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहे। ड्रोन कैमरे से पहले भूमि का जायजा लिया गया। ग्रामीण किसी प्रकार का विरोध न करें, इसकी भी ड्रोन से निगरानी की गई।

जेसीबी और ट्रैक्टर को देख कब्जाधारियों में दहशत
शुक्रवार को वन प्रभाग की टीम ने अपनी भूमि को कब्जामुक्त कराने की ठोस रणनीति बनाई। वर्षों के अतिक्रमणकारी भूमि पर कब्जा जमाए बैठे थे। जब टीम क्षेत्र में दाखिल हुई तो एक बार ग्रामीणों में दहशत मच गई। भारी भरकम जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली लिए पूरी टीम उक्त भूमि में शामिल हुई। पैमाईश के साथ ही जेसीबी से फसलों को