उत्तराखंड। उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक पिता ने अपने ही बेटे को इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसने घर से दस हजार रुपये चुरा लिए थे। जिस पिता ने कभी अपने बेटे की उंगली पकड़कर चलना सिखाया उसी ने उसे बेरहमी से शांत कर दिया। वारदात ऊधम सिंह नगर जिले के आजादनगर क्षेत्र की है। जहां रहने वाले देवदत्त अपने परिवार के साथ बीते चार साल से रह रहा था। वह सिडकुल की एक फैक्ट्री में डाईमशीन ऑपरेटर का काम करता था और हर महीने 12 हजार रुपये की तनख्वाह पाता था। आर्थिक तंगी के चलते वह ओवरटाइम करता था। जिससे उसे अतिरिक्त छह हजार रुपये मिल जाते थे। किसी तरह वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था।
देवदत्त का बड़ा बेटा अंकित छठी कक्षा में पढ़ता था और सिर्फ 14 साल का था। बीते दो वर्षों से वह घर से चोरी कर रहा था। कई बार वह बक्सों के ताले तोड़कर पैसे निकाल लेता था। घर में इस बात को लेकर अक्सर झगड़े होते थे। देवदत्त ने कई बार बेटे को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। बीते मंगलवार को अंकित ने घर से दस हजार रुपये चुराए। जिस पर घर में तीखी बहस हुई। यह झगड़ा देवदत्त के लिए उस बिंदु पर पहुंच चुका था, जहां से लौटना संभव नहीं था। उसने गुस्से में आकर बेटे की हत्या की योजना बना ली और इसे अंजाम दे डाला।
पुलिस जांच में सामने आया कि देवदत्त ने हत्या के बाद भी कोई पछतावा नहीं दिखाया। पूछताछ के दौरान वह बार-बार अपने बयान बदलता रहा, लेकिन अंततः उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी को चोरी और बार-बार होने वाली घरेलू कलह से गहरा आक्रोश था, जिसने उसे हैवान बना दिया। यह घटना न सिर्फ एक मासूम की दर्दनाक मौत की कहानी है, बल्कि एक पिता के टूटते सब्र और सामाजिक तानों-बानों की भी भयावह तस्वीर पेश करती है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया