हरिद्वार, संवाददाता। हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में रोजाना जंगली हाथियों के घुसने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार सुबह राजलोक कॉलोनी में तीन जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। कॉलोनी में एक घर के मेन गेट को हाथियों ने तोड़ दिया और कई घरों के बाहर लगे पेड़ पौधों को भी उजाड़ दिया। इसके साथ तीन स्कूली बच्चे से भी अचानक से हाथियों के सामने आ गए। गनीमत रही कि तीनों बच्चे स्कूटी पर सवार थे, तीनों समय रहते हाथियों के सामने से गुजर गए और एक बड़ी घटना टल गई। हाथियों के बार बार घुसने से स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। कई लोग हरिद्वार के डीएफओ से मिले और हाथियों के उत्पात की शिकायत की। घटना से स्थानीय लोग दहशत में हैं। व्यापारी नेता विपिन गुप्ता ने आरोप लगाया कि पिछले कई दिनों से राजलोक कॉलोनी, गायत्री विहार, जगजीतपुर और सीतापुर के आसपास के इलाकों में घुस रहे हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में हाथियों का उत्पात जारी है। रोजाना हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कई दफा इसकी शिकायत भी की लेकिन इन्हें रोकने के लिए अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। बताया कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों का जंगली हाथियों के कारण रोजमर्रा का जीवन असुरक्षित हो गया है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सुरक्षा और हाथियों को वापस जंगल में भेजने की मांग की है।
जमालपुर फाटक पर हाथियों से मची अफरा तफरी
शुक्रवार की सुबह जंगली हाथी जगजीतपुर से आबादी में घुसे और वहां से होते हुए राजलोक कॉलोनी में उत्पात मचाया। इसके बाद जमालपुर कलां रेलवे फाटक पर तीन हाथियों का यह झुंड चलकदमी करता हुआ नजर आया। सीतापुर की कॉलोनी से निकलकर तीनों हाथियों ने रेलवे क्रॉसिंग को पार किया और जमालपुर की दूसरी कॉलोनी में घुस गया। इस दौरान इन हाथियों ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन अचानक हाथियों को देखकर लोगों में अफरा तफरी मच गई। गौरतलब है कि रेलवे लाइन के पास हाथियों का जाना हादसे को दावत दे रहा है। 2 साल पहले भी एक जंगली हाथी की जमालपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन से टकराकर मौत हो चुकी है। स्थानीय लोग वन विभाग से जंगली हाथियों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
“हाथियों को आबादी में घुसने से रोकने के लिए स्थाई समाधान किया जाएगा। इसके लिए उच्च अधिकारियों को भी पत्र लिखा गया है। फिलहाल हाथियों को रोकने के लिए गश्ती दल को लगाया गया है, जो हाथियों के मूवमेंट पर नजर रख रही है।- स्वप्निल अनिरुद्ध, डीएफओ हरिद्वार”

