हरिद्वार। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव के बेटे के साथ मारपीट के मामले में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे कुंवर दिव्य प्रताप सिंह पर लगातार कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। पहले देहरादून स्थित राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था और अब जिला प्रशासन ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की है। मंगलवार हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दिव्य प्रताप सिंह के तीन असलहों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं।
दरअसल बीते शुक्रवार रात को देहरादून में करीब साढ़े दस बजे पूर्व मुख्य सचिव के बेटे यशोवर्धन, दिलाराम चौक से साईं मंदिर की तरफ जा रहे थे। उस समय कार उनका ड्राइवर चला रहा था। जैसे ही वो पैसिफिक मॉल के पास पहुंचे तभी लैंड क्रूजर और उसके साथ एस्कार्ट में लगी बोलरो ने ओवरटेक करने का प्रयास किया। सड़क पर उचित जगह नहीं दिखने पर वे कार को रास्ता नहीं दे पाए। इसके बाद दोनों कार सवारों ने तेजी से ओवरटेक करते हुए रास्ता घेरकर उनकी कार रुकवा ली। आरोप है कि चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह, गनर राजेश सिंह और अन्य लोगों ने यशोवर्धन और उनके ड्राइवर को कार से खींचकर बाहर निकाला और मारपीट करने लगे। आरोप है कि दिव्य प्रताप ने यशोवर्धन के ड्राइवर को भी पिस्टल दिखाकर धमकाया था। उतना ही नहीं डंडे और लात घूंसे भी चलाए गए थे। मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें यशोवर्धन उनसे माफी मांगता हुआ नजर आ रहा है। लेकिन दिव्य प्रताप सिंह ने उसकी एक नहीं सुनी और लगातार लात घूंसे चलाता रहा और नीचे बैठे हुए भी कई बार लात मारी। वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। हमले के आरोप में घिरे पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह पर पहले पुलिस ने और अब प्रशासन शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पूर्व में पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया। वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुए मुकदमे में राजपुर थाना पुलिस ने सोमवार को चैंपियन के बेटे को नामजद किया और तीन नई धाराएं भी जोड़ीं। उसके बाद मंगलवार को हरिद्वार के जिलाधिकारी ने भी कार्रवाई की।
डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि देहरादून से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दिव्य प्रताप सिंह के नाम तीन असलहे के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। सुनवाई के बाद असलहों को निरस्त किया जाएगा।

