त्रुटिपूर्ण फोटोग्राफ्स अपलोड करने पर कार्रवाई, कई मेट हटाए गए, ग्राम प्रधानों को नोटिस
हरिद्वार। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत श्रमिकों की उपस्थिति के फोटोग्राफ्स में गड़बड़ी सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मनरेगा पोर्टल पर एनएमएमएस ऐप के जरिए दर्ज की जा रही उपस्थिति में फर्जीवाड़ा और अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद खंड विकास अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए थे। जांच के बाद बड़ी संख्या में लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरी है।
हरिद्वार सीडीओ आकांशा कोंडे के अनुसार जांच में दोषी पाए जाने पर 14 ग्राम विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। वहीं 11 ग्राम रोजगार सेवकों की की वार्षिक मानदेय वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। इस मामले में संबंधित ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किए गए हैं और कई मेटों को सेवा से पृथक कर दिया गया है। मनरेगा के उप कार्यक्रम अधिकारियों पर भी लापरवाही का दोष तय करते हुए अर्थदंड लगाया गया है। साथ ही संबंधित कार्यक्रम अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को अंतिम चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन ने खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे स्वयं अथवा अपने अधीनस्थ सहायक खंड विकास अधिकारियों और सहायक विकास अधिकारियों के माध्यम से फील्ड में औचक निरीक्षण करें। प्रगति पर चल रहे कार्यों का भौतिक सत्यापन और अनुश्रवण अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके अलावा निरीक्षण की रिपोर्ट नियमित रूप से जनपद स्तर पर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस कार्रवाई से संकेत साफ है कि सरकार मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरी सख्ती के साथ कदम उठा रही है। अधिकारियों को चेताया गया है कि यदि भविष्य में इस तरह की लापरवाही सामने आती है तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।